टेलीकॉम सेक्‍टर की बड़ी हस्‍तियों में गिने जाने वाले सुनील भारती मित्तल अचानक से चर्चा में छाए हैं। हाल ही में उन्‍होंने अमेरिका की संरक्षणवादी नीतियों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि क्या भारत को भी फेसबुक गूगल और व्हाट्सएप को केवल इसलिए बैन कर देना चाहिए क्योंकि वे अमेरिकी कंपनियां हैं। इतना ही नहीं उन्‍होंने इसके साथ ही और भी काफी कुछ कहा है। जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...


क्योंकि ये अमेरिकी कंपनियां


भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल नेअमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की संरक्षणवादी नीतियों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। जिसके बाद से वह चर्चा में बने हैं। भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल का कहना है कि क्या भारत भी फेसबुक, गूगल और व्हाट्सएप को केवल इसलिए ना कर दे क्योंकि ये अमेरिकी कंपनियां हैं। इधर कई दिनों से अमेरिका जैसे कई दूसरे देश एच1बी वीजा नियमों में सख्त करने का प्लान कर रहे हैं। जिसके चलते भारतीय कामगारों को परेशानी हो सकती है। ऐसे में जब सुनील मित्तल से यह पूछा गया कि यदि उनकी कंपनी एयरटेल को किसी विशेष देश में एंट्री से रोक दिया जाए तो वह क्या करेंगे। इस पर उन्होंने  गूगल, फेसबुक और व्हाट्सएप जैसी बड़ी कंपनियों का नाम लिया। उनके मुताबिक आज इनके भारत में करोड़ों यूजर हैं। ऐसे में क्या इन कंपनियों को भारत में तब भी अनुमति मिलनी चाहिए जब भारतीय कंपनियों के पास ऐसे खुद के ऐप हैं। भारत में बड़ा मुनाफा कमा रही

इतना ही नहीं उनका कहना है कि उन्हें अमेरिकी संरक्षणवाद से कोई परेशानी नहीं है। उनका पूरा बिजेनस घरेलू बाजार पर आधारित है। बस हां उन्हें ये लगता है कि जब आज अमेरिका कंपनियां भारत में बड़ा मुनाफा कमा रही। ऐसे में भारतीय कामगारों को अमेरिका जाने से रोकना गलत है। सुनील मित्तल का यह भी कहना है कि ऐसे में क्या हमें यह कहना चाहिए कि जब हमारे में पास खुद के ऐप हैं तो फेसबुक और गूगल का भारत में संचालन नहीं चाहते। आज फेसबुक के करीब 20 करोड़, व्हाट्सएप के 15 करोड़ और गूगल के 10 करोड़ यूजर्स हैं। उनका कहना है कि भारत तकनीकी कंपनियों के लिए एक बड़ा बाजार है। ऐसे में वीजा नियम कड़े होने के बाद भारतीय कंपनियों को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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Posted By: Shweta Mishra