Kanpur: क्या आप यकीन करेंगे कि एक व्यक्ति एक ही समय में 100 से ज्यादा जगह पर मौजूद रहे. आप सोच रहे होंगे यह जादुई कारनामा तो एक्शन स्टार रजनीकांत के लिए ही संभव है. लेकिन आपको बता दें कि कानपुर में एक-दो नहीं बल्कि सात लाख रजनीकांत रहे रहे हैं. यह सभी वोटर हैं जिन्हें चुनाव आयोग ने काफी मशक्कत के बाद चिन्हित किया है.

हर असेम्बली में 40 हजार से ज्यादा
इलेक्शन कमीशन ने 7 लाख ऐसे वोटर्स चिन्हित किये हैं, जिनका नाम दूसरे जिलों की असेम्बली सीट पर भी हैं। इन्हें डी-डुप्लीकेट वोटर्स का नाम दिया गया है। हर एक सीट पर ऐसे वोटर 40 हजार से ज्यादा हैं। इस मामले में बिल्हौर और बिठूर विधानसभा क्षेत्र काफी आगे हैं। दोनों ही विधानसभाओं में एक लाख से भी ज्यादा डी-डुप्लीकेट वोटर रह रहे हैं। आयोग ने अपने स्पेशल सॉफ्टवेयर की मदद से इन वोटर्स को आइडेंटिफाई किया है।

बस 4 दिन का वक्त
डी-डुप्लीकेट वोटर्स की पहचान बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को करनी है। डिप्टी इलेक्शन ऑफिसर आरएन बाजपेई ने बताया कि कुल 3341 बीएलओ घर-घर जाकर वोटर्स का वैरीफिकेशन करना है। इस काम के लिए 11 जनवरी से 14 जनवरी तक की समयसीमा निर्धारित की गई है। हर एक बीएलओ को लगभग 100 से 200 नामों वाली फोटोयुक्त वोटर लिस्ट का प्रोफार्मा थमाया गया है। सभी 7 लाख नाम 4 दिनों में वैरीफाई करने हैं।

आसान नहीं है काम
आयोग ने डी-डुप्लीकेसी क्रॉस चेक करने के लिए भले ही चार दिनों की मोहलत दी हो। मगर, बीएलओज के लिए यह काम आसान नहीं होगा। फूलबाग में चल रहे ट्रेनिंग कैम्प में एक बीएलओ ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आयोग की ओर से जो प्रोफार्मा दिया गया है। उसमें ओरिजिनल वोटर के अलावा गवाहों के भी सिग्नेचर करवाने हैं। मगर, क्या गारंटी है कि जब हम घर-घर वैरीफिकेशन कर रहे होंगे तो संबंधित वोटर घर पर मौजूद ही हो दूसरा, लोकल लेवल के नेता व उनके समर्थक वोट बैंक के चक्कर में फर्जी गवाही भी दे सकते हैं। लिहाजा, वैरीफिकेशन का काम सौ फीसदी पारदर्शी नहीं है।

फॉर्म-7 से नाम होगा डिलीट
डोर-टू-डोर सर्वे के लिए बीएलओज को फॉर्म-7 भी दिये गये हैं। क्रॉस-चेकिंग में अगर कोई वोटर संबंधित एड्रेस पर नहीं रहता होगा, उसका नाम लिस्ट से काटने के लिए फॉर्म-7 फिल-अप करके जमा किया जाएगा। यह फॉर्म बीएलओज खुद भरेंगे और बतौर गवाही आस-पड़ोस के लोगों से सिग्नेचर करवाएंगे।

ये दण्डनीय अपराध है
एक से ज्यादा विधानसभा क्षेत्र में नाम दर्ज करवाना पनिशेबल ऑफेंस है। डिप्टी इलेक्शन ऑफिसर आरएन बाजपेई के अनुसार अगर किसी वोटर का नाम एक से ज्यादा विधानसभा क्षेत्र से दर्ज है। तो यह माना जाएगा कि संबंधित वोटर जानबूझकर फर्जीवाड़ा कर रहा है। यह पब्लिक रिप्रेजेंटेशन एक्ट-1950 की धारा-17 के तहत गैरकानूनी व दंडनीय है। धोखाधड़ी करने वाले ऐसे वोटर्स को एक साल तक की जेल अथवा जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।

असेम्बली   डी-डुप्लीकेट वोटर्स
बिल्हौर          1,19,022
बिठूर           1,06,457
कल्याणपुर       60,049  
गोविन्द नगर     60,426
सीसामऊ        40,766
आर्य नगर       40,036
किदवई नगर    56,308
कानपुर कैंट     45,312
महाराजपुर       87,748
घाटमपुर         92,685

टोटल         7,08,809

Posted By: Inextlive