-एक अच्छे कप्तान और शानदार बल्लेबाज थे अजित वाडेकर

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क्कन्ञ्जहृन्: भारत के महान क्रिकेटर अजित लक्षमण वाडेकर को याद करना भारतीय टीम में नए जोश को याद करना है। वे 1966 से 1974 तक सक्रिय रूप से भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल रहे। एक स्टाइलिश बैट्समैन, एक सफल कप्तान के तौर पर उन्हें हमेशा ही याद किया जाएगा। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने उनकी पटना से जुड़े यादों और बिहार के बड़े क्रिकेटरों से उनके बारे में जानकारी ली। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सेक्रेटरी एवं दिग्गज क्रिकेटर अजय नारायण शर्मा ने कहा कि तब वेस्ट इंडीज सबसे शक्तिशाली टीम हुआ करता था। तीन बार व‌र्ल्ड कप विजेता होने के कारण उसकी तूती बोलती थी। लेकिन अजित वाडेकर ने इस मजबूत टीम को धराशायी कर भारतीय टीम में नई जान फूंकने का काम किया। अजित वाडेकर पटना दो बार आए थे। एक बार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कार्यक्रम में और दूसरा बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के एक मैच में गेस्ट के तौर पर।

व‌र्ल्ड कप की जमीन तैयार की

भारत ने क्रिकेट व‌र्ल्ड कप 1984 में जीता। इस बारे में अजय नारायण शर्मा ने कहा कि अजित वाडेकर के नेतृत्व में भारतीय टीम में एक नई जान आ गई। इसके बाद से टीम ने कई बेहतरीन प्रदर्शन किये। वे अपने समय के आक्रामक बल्लेबाज थे। तीसरे स्थान पर बैटिंग करने के साथ ही वे स्लिप पर बहुत अच्छी फिल्डिंग भी करते थे। उनकी बेहतरीन कप्तानी का ही नतीजा था कि भारत ने 1971 में वेस्ट इंडीज और इंगलैंड के खिलाफ सीरीज मैच जीतने में कामयाबी हासिल की।

जब इंग्लैंड को उसी की धरती पर हराया

बीसीए के ज्वाइंट सेक्रेटरी एवं बिहार के सीनियर क्रिकेटर अरुण कुमार ने बताया कि वाडेकर के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। वे पहले भारतीय कैप्टन रहे जिन्होंने 1970 में इंगलैंड के ओवल में टेस्ट सीरीज में पराजित किया। टीम को विदेश में पहचान मिली।

गवास्कर को भी दिलायी पहचान

अरुण ने बताया कि अजित वाडेकर मृदुभाषी थे, जो सदैव विवादों से दूर रहते थे। साथ ही सुनील गवास्कर जैसे महान बल्लेबाज ने उनके ही कप्तानी में निखरे और आगे भी खेलते रहे। सुनील गवास्कर ने जब रणजी ट्रॉफी में बेहतर खेला तो उन्हें सीधे भारतीय टीम में मौका दिया।

Posted By: Inextlive