RANCHI : झारखंड विधानसभा के मॉनसून सेशन में सोमवार को राज्य की काूनन व्यवस्था पर चर्चा हुई और विपक्ष ने इस मसले पर सरकार को घेरा। सुबह विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष अर्जन मुंडा ने इस बहस की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की हालत बहुत खराब है। इस सरकार के आते ही झारखंड में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। नक्सली घटनाओं के साथ ही आजसू नेता तिलेश्वर साहू की हत्या हुई। प्रीति हत्याकांड में तीन निर्दोषों को पुलिस ने फंसाया। बालूघाट की नीलामी में सरकार ने गलत हथकंडा अपनाया। राज्य की जनता डरी हुई है। राज्य में कानून का शासन नहीं है। अर्जुन मुंडा के बाद मांडर विधायक बंधु तिर्की ने नक्सली हिंसा में मारे गए लोगों का मुद्दा उठाया और इस मामले में सरकार का जवाब चाहा। सरकार की तरफ से संसदीय कार्य और वित्त मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने जवाब दिया। जेवीएम से बगावत करके बीजेपी में शामिल हुए बोकारो विधायक समरेश सिंह ने कांवरियों की मौत का मुद्दा उठाया और सरकार से इनके परिजनों को 10 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की। इसके बाद सरकार ने आश्वासन दिया कि वह कांवरियों को 3 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा करती है।

आज विस घेरेगी बीजेपी

सरकार की गलत कार्यप्रणाली के खिलाफ बीजेपी मंगलवार को विधानसभा घेराव करेगी। इस बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष डॉ। रवींद्र कुमार राय ने कहा कि इसमें पूरे झारखंड से लोग शिरकत करेंगे। इसके लिए झारखंड के 340 प्रखंडों के कार्यकर्ता रांची पहुंचे चुके हैं।

चिटफंड कंपनी के घपले की जांच सीबीआई को

झारखंड में नॉन बैकिंग कंपनीज के फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई करेगी। सोमवार को विधानसभा में मासस विधायक अरुप चटर्जी द्वारा इस बाबत उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने यह घोषणा की। मासस विधायक ने वेस्ट बंगाल की तर्ज चिटफंड कंपनी की ठगी का शिकार हुए इन्वेस्टर्स को सहायता देने की मांग की, जिसे सरकार ने एक सिरे से खारिज कर दिया। मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि नॉन बैकिंग कंपनीज के कामकाज को आरबीआई और सेबी रेगुलेट करती है। इसमें स्टेट गवर्नमेंट का कोई रोल नहीं है। ऐसे में नॉन बैकिंग कंपनीज ने जिन इन्वेस्टर्स को ठगा है, उनकी राशि लौटाने का दायित्व सरकार का नहीं है।

दर्ज हुए हैं 105 मामले

मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने सदन को बताया कि नॉन बैकिंग कंपनीज के खिलाफ पूरे राज्य में 105 मामले थानों में दर्ज किए गए हैं। दुमका में एक, पलामू में 28, कोडरमा में सात, धनबाद में 13, पाकुड़ में दो, देवघर में 27, गिरिडीह में पांच, गोड्डा में 7, सिमडेगा में दो, खूंटी में 12 और हजारीबाग में एक कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। इन बाबत सभी जिलों के डीसी से रिपोर्ट मांगी जाएगी।

Posted By: Inextlive