- हिंदी के कथाकार केदारनाथ पांडेय की कविता को श्रोताओं ने खूब तवज्जो दिया

- भिखारी ठाकुर से लेकर कई सब्जेक्ट पर कवियों ने रखी अपनी बात

- कविताओं की सुरमयी लहरी में फरमाइशी कविताओं का पटनाइट्स ने लुत्फ उठाया

PATNA : कविता द्वारा अपनी अभिव्यक्तिव तात्कालिक घटनाओं को एक सुरीली गायिकी में तब्दील करने का हुनर किसी में था, तो वह थे कविवर गोपाल सिंह नेपाली। भारतीय कविता समारोह के दूसरे दिन हिंदी के मशहूर लेखक केदार नाथ सिंह ने कविता की महत्व और उसकी सारगर्भिता पर अपनी रचना द्वारा बताया कि सदियां गुजर गयी कवि और सिकरी में पटी नहीं। केदारनाथ सिंह की कविता, दूरदर्शिता और उनकी आवाज को सुनने वालों की काफी भीड़ थी। श्रोताओं ने उनकी कई कविताओं में भिखारी ठाकुर पर लिखी कविता को भी पढ़ने का आग्रह किया गया। इस दौरान उन्होंने भिखारी ठाकुर से जुड़ी अपनी स्मृति भी सुनायी। तारामंडल में आयोजित भारतीय कविता समारोह के दूसरे दिन तीन सेशन में प्रोग्राम का आगाज और समापन हुआ।

कई भाषाओं में कविता पाठ

तारामंडल में दस बजे फ‌र्स्ट सेशन की शुरुआत हुई, जिसमें प्रयाग शुक्ल, नचिकेता, अनवर अली, सुधीर प्रोग्रामर, सुल्तान अख्तर शामिल हुए। वहीं हीरो डोम सेशन में मंगलेश डबराल, मृदुल दासगुप्ता, रामवन ऑम्बी नेमचॉबी, तारानंद वियोगी, राम विलास मौजूद थे। समापन भिखारी ठाकुर सेशन के साथ हुआ। जिसमें बद्री नारायण, चंद्रकांत मुरा सिंह, मोनिका कुमार, सुभद्रा विरेंद्र एवं पंडित सतीश चंद्र झा शामिल थे। कविता समारोह में हिंदी से लेकर मलयालम, तेलगु और संस्कृत सहित कई भाषाओं में कविता पाठ किया गया।

Posted By: Inextlive