शाम ढलते ही जिला महिला अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में 'गंदा' काम होने लगता है. एक तरफ शराबियों की टोली पैग लड़ाती है तो दूसरी जुआरी पत्ते फेंकना शुरू कर देते हैं.

- प्राइवेट वार्ड के कमरे में नशेडि़यों व जुआरियों का कब्जा

- कभी भी हो सकती है कोई बड़ी घटना, अस्पताल प्रशासन बना हुआ है अंजान

i breaking
Gorakhpur@inext.co.in
GORAKHPUR: शाम ढलते ही जिला महिला अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में 'गंदा' काम होने लगता है। एक तरफ शराबियों की टोली पैग लड़ाती है तो दूसरी जुआरी पत्ते फेंकना शुरू कर देते हैं। कई दिनों से प्राइवेट वार्ड असामाजिक गतिविधियों का अड्डा बना हुआ है। ये लोग कोई बाहरी नहीं बल्कि खुद यहां तैनात सरकारी एंबुलेंस के कर्मचारी हैं। सूत्रों की मानें तो अस्पताल के कर्मियों से मिलीभगत कर मनमानी करने वाले इन लोगों का रसूख ऐसा है कि किसी मरीज को ये वार्ड एलॉट ही नहीं किया जाता। जिम्मेदारों की नाक के नीचे ही व्यवस्था को मुंह चिढ़ाता अय्याशी का ये खेल बेरोकटोक जारी है।

सीएम करते दौरा, चलता रहता खेल
जिला महिला अस्पताल में इस तरह की अय्याशी को बढ़ावा दे रहे जिम्मेदारों को सीएम तक का डर नहीं है। तभी तो दो दिन पहले ही सीएम द्वारा निरीक्षण के बाद भी जिम्मेदार इस मनमानी पर खामोश हैं। एक तरफ जहां न्यू बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर स्थित प्राइवेट वार्ड में गर्भवती महिलाओं को भर्ती किया जाता है तो दूसरी तरफ प्राइवेट वार्ड के एनआईसीयू के ऊपर वाला कमरा नंबर 50 असामाजिक गतिविधियों का अड्डा बना हुआ है। हर रोज अंधेरा होते ही कमरे में शराब-कबाब का दौर चलता है। सूत्रों की मानें तो ये रसूखदार असामाजिक तत्व अस्पताल प्रशासन की आंखों के सामने ही ऐसा कर रहे लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। हद तो ये कि अल्ट्रसाउंड के पीछे रूम नंबर 46 और कर्मचारियों के लिए बनी आवासीय कॉलोनी के एक कमरे पर भी इन असामाजिक तत्वों का कब्जा है।

कभी भी हो सकती है अप्रिय घटना
जिला महिला अस्पताल में वर्तमान में करीब 60 से अधिक गर्भवती महिलाएं भर्ती हैं। जिनकी देखरेख के साथ इलाज की जिम्मेदारी अस्पताल प्रशासन की है। लेकिन प्राइवेट वार्ड के कमरों में कब्जा जमाए असामाजिक तत्वों के चलते हमेशा ही किसी अप्रिय घटना का अंदेशा लगा रहता है।

Posted By: Inextlive