बर्फ से दब कर सियाचिन में दस जवान शहीद
प्रधानमंत्री ने जताया शोक
दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में जेसीओ सहित सेना के दस जवान शहादत को प्राप्त हो गए हैं। करीब 20 हजार फीट ऊंचाई पर मद्रास रेजीमेंट के इन सैनिकों की पोस्ट बुधवार को बर्फीले तूफान की चपेट में आ गई थी। सेना और वायु सेना की टीम दूसरे दिन भी जवानों की तलाश में जुटी रही। लेकिन सारे प्रयास बेनतीजा रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा है कि जवानों की मौत एक त्रासदी है। राष्ट्र के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले इन वीर जवानों को सलाम है। परिवार के प्रति संवेदना है। सेना की उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हूडा ने हादसे पर गहरा शोक जताते हुए कहा कि यह एक बहुत बड़ी त्रासदी है और हम दुरूह परिस्थितियों में सरहद की रखवाली करते हुए शहीद जवानों को सलाम करते हैं। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा ने ले. जनरल हूडा से बातकर जवानों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
असफल हुए बचाने के सभी प्रयास
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल एसडी गोस्वामी ने बताया कि बर्फीले तूफान के शिकार मद्रास बटालियन के सभी जवानों को बर्फ से निकालने का काम दूसरे दिन भी जारी रहा। सेना और वायुसेना के बचाव दल ने अपने खोजी कुत्तों व अत्याधुनिक सेंसरों और उपकरणों के सहारे तलाशी अभियान चलाया लेकिन सारे प्रयास नाकाम रहे। उन्होंने बताया कि जिस इलाके में यह बर्फीला तूफान आया है, वहां रात का न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 45 डिग्री तक चला जाता है, जबकि दिन का अधिकतम तापमान भी शून्य से नीचे -25 डिग्री के आसपास ही रहता है। उन्होंने कहा कि स्थानीय मौसम को देखते हुए और जवानों के कई फीट बर्फ के नीचे दबे होने के मद्देनजर अब उनके जिंदा होने की संभावना नहीं थी। फिर भी तलाशी अभियान गुरुवार को भी चलाया गया
पाक की मदद की पेशकश पर भारत ने किया धन्यवाद सहित इंकार
बर्फ में दबे जवानों की तलाश के लिए राहत व बचाव कार्य में हाथ बंटाने की पाकिस्तान ने भी पेशकश की है। लेकिन भारत की ओर से इन्कार कर दिया गया है। सैन्य सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल आमिर रियाज ने गुरुवार को पूर्वाह्न में भारतीय डीजीएमओ ले. जनरल रणवीर सिंह को फोन कर राहत बचाव कार्य में मदद में पेशकश की थी। लेकिन भारत की ओर यह कहते इन्कार कर दिया गया है कि हर जरूरी साजो-सामान के साथ राहत और बचाव कार्य चल रहा है। फिलहाल किसी मदद की जरूरत नहीं है। ले.जनरल रणवीर सिंह ने बताया कि किसी भी हादसे के वक्त इस तरह की पेशकश सामान्य बात है। पेशकश को लेकर पाकिस्तान के प्रति आभार जता दिया गया है।