13

अखाड़े हैं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अन्तर्गत देशभर में

12

लाख से अधिक संत-महात्मा अलग-अलग प्रदेशों में बने मठ-मंदिरों व मुख्यालयों में निवास करते हैं

02

लाख से ज्यादा संत-महात्मा हैं. जूना अखाड़े में सबसे ज्यादा

12

मई को प्रयागराज की दोनों सीटों पर मतदान होना है

01

सप्ताह पहले श्री निरंजनी, जूना व महानिर्वाणी अखाड़े के मुख्यालयों द्वारा जागरुकता अभियान चलाया जाएगा.

लोकतंत्र के पर्व में आहुति डालेंगे संत-महात्मा, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने दिया खास स्लोगन

prayagraj@inext.co.in

PRAYAGRAJ: निर्वाचन आयोग हो या प्रशासन, लोकतंत्र के महापर्व में भागीदारी के लिए पब्लिक को अवेयर करने का काम कर रहा है. लेकिन, पहली बार संत-महात्मा भी देशभर में जनमानस को मतदान करने के लिए प्रेरित करेंगे. इसके लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने आगे बढ़कर संत-महात्माओं अभियान से जोड़ने का निर्णय लिया है. इतना ही नहीं परिषद ने देशव्यापी अभियान के अन्तर्गत 'पहले प्रभुनाम, फिर मतदान, अंत में जलपान' का स्लोगन भी जारी कर दिया है.

मठ-मंदिरों में लगेंगी तख्तियां

संत-महात्माओं के सम्मेलन या धर्मसभा की शुरुआत में धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो यह सुना होगा. लेकिन लोकतंत्र के पर्व में अखाड़ा परिषद ने देशभर में शत-प्रतिशत मतदान करने के लिए जनमानस को जागरूक करने का निर्णय लिया है. परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की ओर से मार्च के अंतिम सप्ताह में देश के सभी तेरह अखाड़ों के महंतों व श्रीमहंतों को पत्र लिखकर उनसे अपने-अपने मठ-मंदिरों में स्लोगन लिखी तख्तियां लगाने को कहा है.

कलाकारों से होगा संपर्क

पत्र के अनुसार मठ-मंदिरों के बाहर दस अप्रैल से जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा. इसके लिए संबंधित अखाड़ों के मुख्यालयों में कलाकारों के जरिए नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जाएगा. साथ ही प्रत्येक अखाड़े के अध्यक्ष को अपने-अपने एरिया के लोक कलाकारों से संपर्क करके उनसे अधिक से अधिक मतदान करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. जहां पर भी नाटक का मंचन होगा वहां पर पूरा दायित्व अखाड़े के प्रतिनिधि के पास रहेगा.

संत-महात्माओं का जीवन धर्म के साथ-साथ समाज व राष्ट्र को समर्पित होता है. इस समय चल रहे चुनाव में मतदान भी उसी समर्पण का महत्वपूर्ण हिस्सा है. राष्ट्रहित में अधिक से अधिक मतदान हो इसके लिए सभी अखाड़ों के प्रमुख प्रतिनिधियों को पत्र लिखकर अभियान को शुरू करने का निर्देश दिया गया है.

-महंत नरेन्द्र गिरि,

अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद

Posted By: Vijay Pandey