इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुटखा रखने व खाने के मामले में कर्मचारी का इन्क्रीमेंट रोकने के आदेश को रद कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि दो वार्षिक वेतन वृद्धि रोकना गंभीर दंड है। जिसके लिए विभागीय जांच प्रक्रिया अपनाया जाना जरूरी था। ऐसा न कर स्थायी रूप से वेतन वृद्धि रोकने का आदेश विधि विरुद्ध है। याची को अत्यधिक पान मसाला गुटखा खाते हुए पाया गया था। यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने महोबा के सरकारी कर्मचारी मिथिलेश कुमार तिवारी की याचिका को मंजूर करते हुए दिया है। कोर्ट ने विभाग को नियमानुसार कार्यवाही करने की छूट दी है।

Posted By: Inextlive