वाहन फिटनेस पर बढ़ी फीस पर केंद्र सरकार से जवाब-तलब

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेंट्रल मोटर वाहन नियमावली 1989 के नियम 81 की वैधता को लेकर दाखिल याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. याची का कहना है कि नियम 81 में हुए संशोधन से वाहन फिटनेस की तिथि समाप्त होने के बाद अतिरिक्त शुल्क लेना लेबी न होकर दंड देना है. एक्ट के तहत प्राधिकारी को दंडात्मक लेबी लगाने का अधिकार नही है.

मामला सुप्रीम कोर्ट में होने से अंतरिम आदेश नहीं

मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के कारण कोर्ट ने अंतरिम आदेश न देते हुए जवाब मांगा है और याचिका को न्यू बुंदेलखंड बस ऑपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन केस के साथ पेशी करने का निर्देश दिया है. यह आदेश जस्टिस पंकज मित्तल तथा एसडी सिंह की खंडपीठ के दिलीप सिंह की याचिका पर दिया है. याचिका पर भारत सरकार के अधिवक्ता आरके जायसवाल ने भी पक्ष रक्षा. वाराणसी के याची दिलीप सिंह का कहना था कि 29 दिसंबर 2016 के रोड ट्रांसपोर्ट हाई-वे नोटीफिकेशन के तहत नियमों में बदलाव किया गया. अब वाहन की फिटनेस तिथि समाप्त होने के बाद आवेदन करने वालों से बढ़ी अतिरिक्त फीस ली जायेगी. याची का कहना है कि विभाग को दंडात्मक लेबी लेने का अधिकार नही है.

Posted By: Vijay Pandey