एसडीएम फूलपुर रहते हुए सांवडीह गांव में ध्वस्त करा दिया था रास्ता

ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आईएएस अधिकारी तत्कालीन फूलपुर की एसडीएम बी चन्द्रकला की तरफ से आपराधिक केस में सम्मन आदेश की चुनौती याचिका खारिज कर दी है और समनिंग आदेश पर लगी रोक समाप्त कर दी है। एसडीएम तहसीलदार व कई अन्य अधिकारियों सहित असमा बीबी की मिलीभगत से फर्जी रिपोर्ट पर विपक्षी अनन्ती देवी के घर को जाने वाले रास्ते को खत्म कर दिया गया। इसको लेकर विपक्षी ने विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट इलाहाबाद के समक्ष इस्तगासा दायर किया है।

नहीं आए वकील, एकपक्षीय फैसला

न्यायमूर्ति यूसी श्रीवास्तव की कोर्ट में आईएएस बी चन्द्रकला व असमा बीबी की तरफ से कोई अधिवक्ता कोर्ट में नहीं आया। इस पर एकपक्षीय आदेश से याचिका खारिज कर दी गयी। विपक्षी के अधिवक्ता कुंजेश कुमार दुबे का कहना है कि सांवडीह गांव में रास्ते के विवाद को लेकर अनन्ती देवी ने सिविल वाद दायर किया 1996 में उसके पक्ष में डिग्री हो गयी। इसके खिलाफ आसमा बीबी ने प्रथम अपील दाखिल की वह भी खारिज हो गयी तो हाईकोर्ट में द्वितीय अपील दाखिल हुई। यह अपील भी अदम पैरवी में खारिज हो चुकी है।

एसडीएम ने ध्वस्त करा दिया रास्ता

2011 में असमा बीबी ने एसडीएम को पत्र लिखकर शिकायत की कि प्रकरण हाईकोर्ट में लंबित है और विपक्षियों ने जबरन विवादित जमीन पर रास्ते का निर्माण कर लिया है। इस पर एसडीएम ने रिपोर्ट मंगायी। लेखपाल कानूनगो, नायब तहसीलदार ने रिपोर्ट दी कि रास्ता कभी नहीं था। इस पर एसडीएम बी चन्द्रकला ने रास्ते को ध्वस्त कराकर समाप्त कर दिया। इस कार्यवाही को लेकर अनन्ती देवी ने धारा 156 (3) के तहत अर्जी दी। इसे कोर्ट ने इस्तमासा के रूप में स्वीकार करते हुए सम्मन जारी किया था।

Posted By: Inextlive