बायोलॉजी अध्यापक भर्ती मामले में प्रमुख सचिव व बोर्ड सचिव से कोर्ट ने मांगा पर्सनल एफीडेविट

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1998 में ही शासनादेश जारी कर दिया गया था। इसमें स्पष्ट था कि बायोलॉजी विषय नहीं है। इसके बाद भी इस विषय के अध्यापकों की भर्ती किस आधार पर 2017 तक की जाती रही। 2016 में रिक्रूटमेंट के लिए विज्ञापन जारी होने के बाद 304 पदों को वापस ले लिये जाने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह कमेंट करते हुए प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा एवं सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज से 14 मार्च तक व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है।

14 को होगी सुनवायी

यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र ने इलाहाबाद के राजबहादुर व 10 अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका में 2016 की बायोलॉजी विषय के अध्यापक भर्ती को विज्ञापन से वापस लेने की वैधता को चुनौती दी गयी है। याची का कहना है कि जब 1998 के शासनादेश से विषय का पद नहीं होने पर भर्ती नहीं किये जाने का आदेश है तो अभी तक की भर्तियों में इसका पालन क्यों नहीं किया गया और जब हाईस्कूल व इंटर में बायोलॉजी अलग विषय है तो अध्यापक की भर्ती क्यों नहीं की जानी चाहिए। याचिका की सुनवाई 14 मार्च को होगी।

Posted By: Inextlive