बायोलॉजी अध्यापक भर्ती न होने के खिलाफ याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई

prayagraj@inext.co.in

पद शासन से स्वीकृत नहीं हैं। इसलिए भर्ती से सब्जेक्ट के टीचर्स के रिक्रूटमेंट के पद वापस ले लिये गये। यह तर्क माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग का था तो इसके जवाब में याचिका दाखिल करने वालों का कहना था कि जब स्कूलों में सब्जेक्ट पढ़ाया जा रहा है तो इस पद पर नियुक्ति क्यों नहीं की जा सकती। मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग की जून 2016 की अध्यापक भर्ती में 304 पदों को वापस लेने की वैधता के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के दौरान बहस हुई। कोर्ट ने याची से हलफनामा मांगा है कि क्या 2017 में भर्ती हुई थी। सुनवाई 6 मार्च को भी जारी रहेगी।

नियुक्ति प्रक्रिया से कर दिये गये बाहर

राजबहादुर व 10 अन्य की याचिका की सुनवाई जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र कर रहे हैं। याची का कहना है कि जब कालेजों में बायोलॉजी विषय है तो इसके शिक्षकों की नियुक्ति को प्रक्रिया से बाहर करने का कोई औचित्य नहीं है। कोर्ट ने आयोग से इस सम्बन्ध में जानकारी मांगी थी कि पद विज्ञापित होने के बाद क्यों वापस ले लिए गये? आयोग ने भर्ती से बायोलॉजी विषय के अध्यापक का पद न होने के आधार पर हटा लिया है। आयोग ने जवाब दाखिल करके कोर्ट को बताया कि सरकार ने पद ही नहीं स्वीकृत किये हैं तो भर्ती कैसे की जा सकती है। इस पर कोर्ट ने याची अधिवक्ता आलोक मिश्र से 2017 की भर्ती पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

Posted By: Inextlive