कोर्ट ने कहा सिविल वाद कर सकते हैं दायर

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरीडोर को लेकर ध्वस्तीकरण के खिलाफ याचिकाएं खारिज कर दी है. कई भवनों सहित कार्मीचेल लाइब्रेरी एसोसिएशन ज्ञानवापी की तरफ से प्रोजेक्ट को चुनौती दी गयी थी. राज्य सरकार व मंदिर ट्रस्ट ने विश्वनाथ कॉरीडोर के लिए कई मकानों को खरीद लिया है और गंगा तक पहुंच मार्ग बनाने के लिए भवनों को ध्वस्त किया जा रहा है. किरायेदारी ने अपनी रोजो रोटी छिनने के आधार पर चुनौती दी थी. कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया.

यह आदेश जस्टिस बी. अमित स्थालेकर तथा पीयूष अ्रग्रवाल की खण्डपीठ ने यंत्रलेश्वर गुप्ता व अन्य की याचिकाओं पर दिया है. याचिकाओं में याचियों की बेदखली पर रोक लगाने की मांग की गयी थी. कार्मिचेल पुस्तकालय भवन में 26 दुकानें हैं जिन्हें बेदखल किया जा रहा है. इस भवन को राज्यपाल ने 15 फरवरी 19 को खरीद लिया है. मंदिर ट्रस्ट की तरफ से अधिवक्ता विनीत संकल्प ने बहस की. कोर्ट ने कहा याचियों को सिविल वाद दायर करना चाहिए. राज्य सरकार की तरफ से अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता सुधांशु श्रीवास्तव व अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने सरकार का पक्ष रखा. याची अधिवक्ता का कहना था कि किरायेदारों को बिना नोटिस दिये जबरन हटाया जा रहा है. उनका पुनर्वास किया जाय.

Posted By: Vijay Pandey