22 दिसम्बर को मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगे दंडी संन्यासी, सुविधाओं का नहीं हो सका है इंतजाम

अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंध समिति के राष्ट्रीय महामंत्री ने प्रशासन को दी आंदोलन की चेतावनी

ALLAHABAD: संगम की रेती पर एक माह से ज्यादा बसने वाले आस्था के सबसे बड़े मेले में दंडी संन्यासियों को दर-दर भटकना पड़ सकता है। मेले में सबसे पहले प्रवेश करने वाले दंडी संन्यासियों का पहला जत्था 22 दिसम्बर को आ जाएगा लेकिन दंडी स्वामी नगर में अभी पोल बिछाने का ही काम चल रहा है। जबकि गंगा की कटान की वजह से गंगोत्री-शिवाला पाण्टून का काम तो बहुत ही धीमी गति से हो रहा है।

सबसे पहले आते हैं मेले में

मेला क्षेत्र में प्रति वर्ष सबसे पहले दंडी संन्यासियों का आना होता था। इस बार भी अपना शिविर लगाने के लिए अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंध समिति के अध्यक्ष स्वामी विमलदेव आश्रम व महामंत्री स्वामी दंडी ब्रहमाश्रम संन्यासियों के साथ 22 दिसम्बर को मेला क्षेत्र में पहुंचेंगे। समिति के महामंत्री स्वामी दंडी ब्रह्माश्रम ने बताया कि विद्युत व सड़क निर्माण का कार्य ही पूरा नहीं हुआ है। मेला क्षेत्र में आने पर भी कार्यो की स्थिति ठीक नहीं हुई तो 23 दिसम्बर से दंडी संन्यासी गंगोत्री-शिवाला मार्ग के सामने मेला प्रशासन के खिलाफ आंदोलन छेड़ने को बाध्य होंगे।

रामानुज मार्ग पर 70 को मिली जमीन

गंगा की कटान के बीच शुक्रवार को भी मेला प्रशासन की ओर से जमीन आवंटन का काम किया गया। हालांकि रामानुज मार्ग पर कटान न होने की वजह से अधिकारियों ने राहत की सांस ली। अधिकारियों की मौजूदगी में कुल 70 संस्थाओं को जमीन आवंटित की गई। शनिवार को संगम लोअर मार्ग की तरफ संस्थाओं को सुबह 10:30 बजे से जमीन आवंटित की जाएगी।

Posted By: Inextlive