48 घंटे में फीस जमा करे बीमार छात्र
कर्नलगंज थाने पर हुई पंचायत के बाद सुपरिटेंडेंट ने दिया छात्र को समय
ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के मुस्लिम हास्टल में पिछले कई दिनो से चले आ रहे विवाद का पटाक्षेप हो गया है। बीमारी से पीडि़त हास्टल के अन्त:वासी को सुपरिटेंडेंट ने फीस जमा करने का अवसर प्रदान कर दिया है। उनकी ओर से यह पहल कर्नलगंज थाने में हुई पंचायत के बाद की गई है। इससे पहले तक सुपरिटेंडेंट ने अन्त:वासी की फीस भी माफ करने से इंकार कर दिया था। लीवर इंफेक्शन से पीडि़त था अब्दुलमजिदिया इस्लामिया इंटर कॉलेज के शिक्षक एवं मुस्लिम हास्टल के सुपरिटेंडेंट डॉ। इरफान अहमद खान ने सत्र 2018-19 के लिए आवेदन न करने के कारण अब्दुल कादिर पुत्र अब्दुल हक की फीस माफ करने से इंकार कर दिया था। डॉ। इरफान ने कादिर के खिलाफ कर्नलगंज थाने में मुकदमा भी पंजीकृत करवा दिया था। उधर, अब्दुल कादिर का कहना था कि उसे हास्टल में कमरा नम्बर 102 आवंटित है। वह कुछ समय पहले लीवर इन्फेक्शन से पीडि़त हो गया था।
पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मिली राहतकादिर का कहना है कि बीमारी से पीडि़त होने के कारण उसने डीएसडब्ल्यू को प्रार्थना पत्र देकर फीस माफ किए जाने की गुहार लगाई थी। बताया कि हास्टल में वाजिब कारणों के मद्देनजर छह छात्रों की फीस भी माफ की गई। जिसके बाद उसने भी अनुरोध पत्र दिया था। उसने यह भी बताया कि हास्टल में एक बार दाखिले के बाद आगे के सत्र के लिए आवेदन की बजाय सीधे फीस जमा करवा लेने की परंपरा रही है। इस बीच वह बीमारी से पीडि़त रहा और उसे किसी भी सोर्स से नहीं पता चल सका कि डबल एमए के चलते उसे दोबारा आवेदन करने की जरूरत है। सुपरिटेंडेंट की आपत्ति के बाद उसने गुहार लगाई कि फीस न माफ की जाए तो उसे फीस जमा करने के लिए ही समय दे दिया जाए। बहरहाल, अब डॉ। इरफान द्वारा समय प्रदान किए जाने पर कादिर ने राहत की सांस ली है।