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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्रसंघ भवन पर शुक्रवार को पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया. छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष रोहित मिश्रा, वर्तमान उपाध्यक्ष अखिलेश यादव एवं महामंत्री शिवम सिंह ने इसे संबोधित किया. शिवम सिंह ने विवि प्रशासन द्वारा कैम्पस में प्रवेश को बैन किए जाने का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि विवि प्रशासन अपने भ्रष्ट तंत्र को बढ़ावा देने के लिए छात्रसंघ पर नकेल कसने की कोशिश कर रहा है. शिवम ने साफ कहा कि वे ऐसे किसी प्रतिबंध को नहीं मानेंगे और विवि प्रशासन की प्रताड़ना का मुंहतोड़ जवाब कैम्पस में घुसकर देंगे.

कोई बाबा नहीं जो अनुयायी लेकर आऊं

शिवम ने चीफ प्रॉक्टर की अलग-अलग नोटिस की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि चीफ प्रॉक्टर छात्रों को दी जाने वाली नोटिस में ऐसे-ऐसे शब्दों का छांट-छांटकर प्रयोग करते हैं जो व्यावहारिक नहीं है. कहा प्रॉक्टर अपनी नोटिस में भयानक उपद्रव, आक्रांता, अनुयायियों के साथ छात्र आए, भयानक अपराध, आपराधिक कृत्य, गुंडों आदि ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं. शिवम ने सवाल उठाया कि अपने सुसाइड नोट में हॉस्टल न मिलने के चलते आत्महत्या करने की बात कहने वाले रजनीकांत यादव को न्याय दिलाने के लिए विवि प्रशासन ने क्या किया?

प्रॉक्टर ने बनाया निष्कासन-निलंबन का रिकार्ड

छात्रसंघ उपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि विवि प्रशासन छात्रसंघ को बदनाम करके छात्रसंघ पर ही बैन लगाने की साजिशें रच रहा है. जिससे वह भविष्य में नियुक्तियों में भ्रष्टाचार कर सके. वहीं पूर्व अध्यक्ष रोहित मिश्रा ने कहा कि कुलपति समेत कई शिक्षकों का नाम विभिन्न प्रकार के घटनाक्रमों में आया है. लेकिन विवि प्रशासन ने अपने लोगों को बचाने और आवाज उठाने वालों को कुचलने का काम किया है. रोहित ने कहा किसी भी केन्द्रीय विश्वविद्यालय की तुलना में इविवि के चीफ प्रॉक्टर प्रो. राम सेवक दुबे एकमात्र ऐसे प्रॉक्टर हैं जो छात्रों के निष्कासन और निलंबन का रिकार्ड बना चुके हैं. बताया कि उन्होंने इसकी जानकारी के लिए आरटीआई दाखिल की थी. लेकिन उन्हें आजतक आरटीआई का जवाब नहीं मिला.

Posted By: Vijay Pandey