सारी कवायद फ्लॉप, नतीजा फिर वही ढाक के तीन पात
-इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में तीन से चार माह के लिए हो पाएगा हॉस्टल एलॉटमेंट
30 हजार है इविवि में छात्रों की कुल संख्या 04 हजार है हॉस्टल में सीटों की संख्या ये है छात्रावासों की क्षमता ताराचन्द -306 शताब्दी ब्वॉयज- 130 डायमंड जुबिली- 136 एएन झा- 166 जीएन झा- 174 पीसीबी- 206 एसएसएल- 243 डॉ। एसआरके- 270 प्रियदर्शनी- 486 महादेवी वर्मा- 100 कल्पना चावला- 124 शताब्दी गर्ल्स- 202 हाल ऑफ रेजिडेंस- 260 सरोजनी नायडू- 229 हिन्दू हास्टल- 368 मुस्लिम बोर्डिग- 208 एसडी जैन- 92 केपीयूसी- 168 हॉलैंड हाल- 232 इंटरनेशनल हॉस्टल- 61 vikash.gupta@inext.co.inPRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रावासों में फिर वही पुरानी स्थिति बन गई है। विवि में नव प्रवेशियों को इस साल भी तीन-तीन चार-चार माह के लिए हॉस्टल एलॉट होने की नौबत बन गई है। इससे नव प्रवेशियों में खासा गुस्सा है.विवि प्रशासन ने यह कहकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की है कि हॉस्टल में भारी पैमाने पर अवैध कब्जा है। इसलिए सभी को हॉस्टल एलॉट कर पाना संभव नहीं हो पा रहा।
नव प्रवेशियों में है भारी नाराजगीहास्टल एलाटमेंट के मौजूदा हालातों को लेकर स्थिति यह है कि पिछले दिनों इसको लेकर विवि में जमकर हंगामा हुआ था छात्रों की नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि जिन मुट्ठीभर छात्रों को कमरे एलॉट किए गए हैं, उनमें पजेशन पाने में मुश्किल हो रही है।
फॉर्म भरा लिया पहले, एलॉटमेंट अभी तक नहीं -विवि में न्यू एकेडमिक सेशन की शुरुआत में हॉस्टल के लिए भरवाए गए थे फार्म। -लेकिन साल के अंत तक सभी विषयों और कोर्सेस का आवंटन नहीं हो सका है। -नियमों में है कि परीक्षा की समाप्ति के साथ ही हॉस्टल छोड़ देना होगा। -जिन्हें हॉस्टल दिया जा रहा है। उन्हें पजेशन मिल पाने में भी हो रही है परेशानी। विवि के छात्रावासों में आपराधिक तत्वों का बड़े पैमाने पर कब्जा है। जिससे छात्रावासों को मुक्त करने की कोशिशें की जा रही हैं। हमारी पूरी कोशिश है कि नव प्रवेशियों को कमरे जल्द आवंटित हो जाएं। -प्रो। आरएस दुबे, चीफ प्रॉक्टर एयू