-सरायकेला-खरसावां जिले के आसंगी में देना था प्लॉट

-5 लाख 19 हजार रुपए में पर प्लॉट का हुआ एग्रीमेंट

- प्लॉट धारियों ने सिटी डीएसपी से लगाई न्याय की गुहार

JAMSHEDPUR: बिल्डर पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए प्लेटिना ड्रीम सिटी के प्लॉट धारियों ने सिटी डीएसपी अनिमेष नैथानी से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई है। प्लॉटधारियों ने सिटी डीएसपी को बताया कि मेसर्स शशांक निधि कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लि। ने शॉपिंग कांप्लेक्स, रोड, इलेक्ट्रिसिटी, कम्यूनिटी हॉल, टेंपल, पार्क, स्वीमिंग पुल, वॉटर फॉल सहित तमाम तरह के फैसिलिटीज के सब्जबाग दिखाए लेकिन एग्रीमेंट के चार साल बीत जाने के बाद कंपनी ने कोई भी वादा पूरा नहीं किया।

पोजेशन लेटर के नाम पर भरवाया डिक्लीरिएशन फॉर्म

रविवार को बिल्डर ने पोजेशन लेटर देने के लिए बुलाया था। जल्दबाजी में कुछ लोगों से पोजेशन लेटर कम डिक्लीरिएशन फॉर्म में सिग्नेचर करा लिया गया। पीडि़तों का कहना है कि डिक्लीरिएशन फॉर्म के पैरा वन में लिखा गया टर्म कंडीशन गलत है। पैरा वन में लिखा गया है कि प्लॉटधारियों के पास अब बिल्डर कोई ड्यूज नहीं है। जबकि बिल्डर ने रोड, टेंपल, स्कूल, कम्युनिटी हॉल जैसी फैसिलिटीज का वादा पूरा नहीं किया है। ऐसी स्थिति यह डिक्लीरिएशन गलत है। सिटी डीएसपी से तीन दर्जन से अधिक लोगों ने मिलकर बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पीडि़तों का आरोप है कि कंस्ट्रक्शन कंपनी शशांक निधि के डायरेक्टर रंजीत नारायण मिश्रा, विजय कुमार और निपु कुमारी ने डिक्लेरिएशन फॉर्म भरवा कर कंपनी की इच्छा थोपने का प्रयास कर रहे हैं। विरोध करने पर सात लोगों को पोजेशन लेटर भी नहीं दिया गया है। विरोध करने वालों में डीके वर्मा, संजय कुमार, के कुमार, राज कुमार, सौरभ भट्टाचार्य सहित तमाम लोग हैं।

लोन से खरीदा था प्लॉट

पीडि़त डीके वर्मा ने बताया कि एसबीआई से लोन लेकर प्लॉट खरीदा था। साल ख्008 में बिल्डर ने भ् लाख क्9 हजार रुपए में क्भ्7भ् स्क्वायर फीट प्लॉट का सब्जबाग दिखाया। एग्रीमेंट के दो साल के बाद बिल्डर ने ख्0क्0 में रजिस्ट्री की। कंस्ट्रक्शन कंपनी ने दो साल का इंट्र्स्ट म्0 हजार रुपए भी प्लॉट खरीदने वालों से वसूल किया। इसके बाद भी बिल्डर ने प्लॉट को हैंड ओवर नहीं किया है। नतीजा ये है कि लोगों को प्लॉट नहीं मिल पाया लिहाजा क्00 से अधिक पीडि़त प्लॉट की रजिस्ट्री के बाद भी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।

कई लोगों को नहीं मिला है लेटर

पीडि़तों का आरोप है कि कंपनी ने पोजेशन लेटर देने के नाम पर अंडर टेकिंग कम डिक्लेरिएशन सर्टिफिकेट पर सिग्नेचर करा लिया। पीडि़तों का आरोप है डिक्लेरिएशन में बिल्डर ने जबरदस्ती अपने हितों को प्लॉटधारियों पर थोप रहा है। पीडि़तों ने सिटी डीएसपी से पोजेशन लेटर दिलाने और बिल्डर के मनमानी रोकने की मांग की है।

बिल्डर की ओर से प्लॉट के नाम पर धोखाधड़ी की शिकायत मिली है। प्रोबेशन डीएसपी धीरेंद्र बंका को जांच की जिम्मेदारी दी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

-अनिमेष नैथानी, सिटी डीएसपी

दो लोग निजी स्वार्थ के लिए प्लॉटधारियों को भड़का रहे हैं। सभी को साइट पर बुलाकर आज ही को पोजेशन दी गई है।

-रंजीत नारायण मिश्रा, डायरेक्टर, शशांक निधि कंस्ट्रक्शन प्रालि।

Posted By: Inextlive