ALLAHABAD: इंटरमीडिएट में डिस्ट्रिक्ट लेवल पर सातवीं रैंक हासिल करने वाले अमन सिंह की मां उनकी कामयाबी में बराबर की हिस्सेदार हैं। 55 साल की उम्र में भी सुनीता देवी पूरी तन्मयता के साथ अपने बेटे के साथ लगी रहती हैं। उनके लिए उम्र, थकावट या दुखते घुटने कोई मायने नहीं रखते हैं। वह चाहती हैं कि एक दिन पढ़-लिखकर उनका बेटा आईएएस बने। यही उनका सपना भी है।

बेटे की कामयाबी में छिपी है खुशी

सुनीता देवी बताती हैं कि वह खुद बहुत अधिक पढ़ी-लिखी नहीं हैं। लेकिन उनके पति शिवगणेश सिंह पेशे से वकील हैं। शादी के बाद वह खुद सिविल सर्विसेज की तैयारी करते थे। उनकी लगन और मेहनत में पत्नी का अहम योगदान था। पति को भले ही सफलता नहीं मिली लेकिन बेटे को आईएएस बनते देखना सुनीता देवी का सपना है। वह कहती हैं कि जब बेटे को मेहनत करते देखती हैं तो उसकी मुश्किलों को कम करने की पूरी कोशिश होती है।

देर से सोती हैं और जल्दी उठती हैं

अमन ने इस साल बोर्ड एग्जाम में इंटर में सातवीं रैंक हासिल की। मां सुनीता कहती हैं कि घर का काम खत्म करके देर रात सोती थी। अगर बेटा रात दो बजे उठकर पढ़ने बैठता था तो उसके साथ मैं भी उठ जाती थी। नींद भगाने के लिए समय-समय पर चाय बनाकर देना अहम काम होता था। वह जानती हैं कि बच्चे को लाइफ में सफलता हासिल करने के लिए एक अहम साथी की जरूरत है और वह मां से बढ़कर कोई नहीं हो सकता है। कहती हैं कि बेटे के सपने को पूरा करने में ही उनकी खुशी है।

वर्जन

जब बेटे को मेहनत करते देखती हूं तो उसकी मुश्किलों को कम करने की पूरी कोशिश होती है। उसकी सफलता के लिए मैं उसके साथ हर कदम पर साथ देने को तैयार हूं।

-सुनीता देवी, अमन सिंह की मां

Posted By: Inextlive