शनिश्चरी अमावस्या पर सिंह राशि में राहु ने किया प्रवेश
- खंडित शनिश्चरी अमावस्या, शनि के पूजन से मिलेगा लाभ
- शनि की कन्या राशि से सूर्य की सिंह राशि में प्रवेश कर रहा राहु BAREILLY: ग्रह, नक्षत्र व राशियों की चाल सैटरडे को पूरी तरह बदल गई है। कन्या राशि में बैठा राहु अब सिंह राशि में विराजमान हो चुका है। मित्र राशि से शत्रु की राशि में प्रवेश करने के बाद राहु का प्रभाव पड़ना तय है। वहीं, राहु की मित्र राशियों को शुभ फलप्राप्ति की संभावना जताई जा रही है। सूर्य राशि में राहु करीब डेढ़ साल तक विराजमान रहेगा। बता दें कि सैटरडे को खंडित शनिश्चरी अमावस्या मनाई गई। सुबह से शाम शनि मंदिरों पर पूजन दर्शन के लिए कतारें लगी रहीं। ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक शनि की मित्र राशि से शत्रु राशि में प्रवेश करने पर राहु जातकों पर विपरीत प्रभाव डालने की संभावना बना रही है।राहु और गुरु एक साथ
वृष अशुभ चंदन की माला पहनेज्योतिषाचार्य राजेंद्र त्रिपाठी के मुताबिक शनि के पिता सूर्य माने जाते हैं। पिता सूर्य और पुत्र शनि परम शत्रु हैं। जबकि राहु और शनि की मित्रता है। सैटरडे सुबह 10.37 बजे राहु सूर्य की सिंह राशि में प्रवेश कर गया। सिंह राशि में पहले से विराजमान गुरु संग राहु की मौजूदगी से उथल-पुथल की संभावना बन रही है। राहु की यह चाल सभी राशियों पर असर डालेगी। पौराणिक मान्यता के अनुसार शनिदेव का जन्म अमावस को हुआ था। शनि के जन्म से पहले सूर्योदय हो जाने की घटना को शनिश्चरी अमावस्या कहते हैं। बता दें के सैटरडे को 7.54 बजे अमावस शुरू हुई और सूर्योदय 7.16 बजे हुआ। सूर्योदय पहले होने से अमावस का खंडन हो रहा है।
आराधना दोगुना फलदायी ज्योतिषाचार्य संजय सिंह के मुताबिक सिंह राशि में राहु के प्रवेश और गुरु के विराजमान होने से पूजा-पाठ का विशेष लाभ मिलेगा। सूर्य यानि संडे, गुरु यानि थर्सडे और शनि यानि सैटरडे को पूजन करने से दोगुना फल प्राप्ति की संभावना है। जातकों की राशि पर जो प्रभाव पड़ेंगे उस पर सामूहिक पूजन होने से अशुभ फल कम होने की संभावना कर रहे हैं। राशियों पर प्रभाव और उपाय राशि फल उपाय मेष शुभ पक्षियों को दाना डालेंमिथुन शुभ गाय को चारा दें
कर्क अशुभ चांदी की रिंग पहनें सिंह सामान्य सूर्य को जल चढ़ाए कन्या अशुभ कुत्तों को भोजन दें तुला शुभ गरीबों में भोजन बांटें वृश्चिक अशुभ मंदिर में दिया जलाएं धनु सामान्य रोटी गाय को खिलाएं मकर शुभ नारियल जल में प्रवाहित करें कुंभ शुभ वृद्धाश्रम में दान करें मीन अशुभ पक्षियों को अनाज डालें।