पाकिस्तान में अधिकारियों के मुताबिक देश के उत्तर पश्चिम में ताक़तवर हक़्क़ानी चरमपंथी नेटवर्क के एक वरिष्ठ कमांडर अमरीकी ड्रोन हमले में मारे गए है.


संगीन ज़द्रान का नाम अमरीकी और संयुक्त राष्ट्र की ब्लैकलिस्ट में था. उत्तरी वज़ीरिस्तान में अफ़ग़ानिस्तान की सीमा के नज़दीक एक मकान से छोड़ी गई मिसाइलों से ज़द्रान के अलावा चार और लोग मारे गए.हक़्क़ानी नेटवर्क अफ़ग़ानिस्तान में हमले करने के लिए जाना जाता रहा है.हालांकि तालिबान ने एपी समाचार एजेंसी को बताया है कि संगीन ज़द्रान अभी ज़िंदा हैं लेकिन कुछ अन्य ख़बरों के मुताबिक उनका दाह-संस्कार हो चुका है.अधिकारियों ने बीबीसी को बताया कि ज़द्रान का अंतिम संस्कार प्रांतीय राजधानी मीरनशाह में हुआ था और उसमें सेना के अधिकारी भी शामिल हुए थे.'बड़ा नुकसान'ज़द्रान अफ़ग़ानिस्तान के पकतिका प्रांत के ''शैडो गवर्नर'' बताए जाते थे और ख़बरों के अनुसार तालिबान ने अब उनके भाई, बिलाल ज़द्रान, को इस पद के लिए नामांकित किया है.


विशेषज्ञों का कहना है कि 45 साल के संगीन ज़द्रान को दोंनो देशों में एक वरिष्ठ चरमपंथी नेता के तौर पर देखा जाता था और उनकी मौत हक़्क़ानी गुट के लिए बहुत बड़ा नुकसान है.साल 2011 में अमरीकी विदेश विभाग ने ज़द्रान को अपनी विशेष वैश्विक आतंकवादियों की सूची में शामिल किया था. विभाग का दावा था कि पाकिस्तान-अफ़ग़ानिस्तान सीमा पर अफ़ग़ान और विदेशियों के अपहरण में ज़द्रान का हाथ था.

उन्हे चार साल पहले बो बर्गडाहल नाम के अमरीकी सैनिक के अपहरण के लिए भी ज़िम्मेदार ठहराया गया है. फ़िलहाल बर्गडाहल एकमात्र अमरीकी सैनिक हैं जिन्हें अफ़ग़ान चरमपंथियों ने पकड़ रखा है.हाल के सालों में सीमावर्ती इलाकों में कई हमलों के लिए अमरीका हक़्क़ानी गुट को ज़िम्मेदार मानता है.पाकिस्तान ने की निंदाउधर पाकिस्तान के विदेश विभाग ने शुक्रवार शाम हुए इस ड्रोन हमले को उसकी क्लिक करें संप्रभुता का उल्लंघन बताते हुए इसकी निंदा की है.एक सप्ताह में ये दूसरा हमला है और मंत्रालय के अनुसार इन हमलों में कथित तौर से निर्दोष नागरिकों की मौत हो रही है और इससे अमरीका-पाकिस्तान के रिश्तों पर लगातार असर पड़ रहा है.हाल के सालों में ड्रोन हमलों में कमी आई है लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने इन हमलों को पूरी तरह ख़त्म करने की मांग की है.अमरीकी सैन्य कमांडरों के मुताबिक हक़्क़ानी नेटवर्क अफ़ग़ानिस्तान में सक्रिय चरमपंथी गुटों में सबसे जुझारू गुटों में से एक है. माना जाता है कि ये गुट पाकिस्तान में अपने पहाड़ी ठिकानों से अफ़ग़ानिस्तान में तैनात अमरीकी सेना पर समय समय पर हमला करता है.

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने अमरीकी ड्रोन हमलों को रोकने के लिए एक संयुक्त योजना की बात कही है.अमरीकी ड्रोन हमले पाकिस्तान में काफ़ी विवादित मुद्दा है जहां अक्सर ये आरोप लगते रहे हैं कि सरकार और सेना सार्वजनिक तौर पर तो हमलों की निंदा करती है लेकिन निजी तौर पर इनमें अमरीका के साथ सहयोग कर रही है.ऐसे अनुमान हैं कि साल 2004 से 2013 के बीच पाकिस्तान में अमरीकी ड्रोन हमलों में 3,460 तक लोग मारे जा चुके हैं हालांकि इन आंकड़ों में सबसे ताज़ा हमले शामिल नहीं हैं.ब्यूरो ऑफ़ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिज़्म के एक शोध के मुताबिक मारे गए लोगों में लगभग 890 आम लोग थे और ज़्यादातर हमले राष्ट्रपति ओबामा के शासनकाल में हुए हैं.इस साल की शुरुआत में राष्ट्रपति ओबामा ने ड्रोन हमलों को आतंकवाद के खिलाफ़ वैध अभियान का हिस्सा बताया था लेकिन उन्होंने इस कार्यक्रम में ज़्यादा पारदर्शिता और हमलों के ठिकानों के बारे में कड़े नियमों की बात भी कही थी.

Posted By: Satyendra Kumar Singh