भारत के अख़बार ‘द हिंदू’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में जिन देशों से अमरीका सबसे ज़्यादा जानकारियां जुटाता है उन देशों की सूची में भारत पांचवें नंबर पर है. ब्रिक्स देशों ब्रज़ील रूस भारत चीन दक्षिण अफ्रीका की सूची में भारत पहले नंबर पर है.


'द हिंदू' का कहना है कि उसे ये जानकारी और गोपनीय दस्तावेज़ एनएसए के पूर्व खुफ़िया अधिकारी एडवर्ड स्नोडन ने दी. अखबार के अनुसार एनएसए ने भारत की इंटरनेट और फोन नेटवर्कों से 30 दिनों में अरबों की तादाद में छोटी-बड़ी जानकारियां जुटाई.आप किससे, कितनी देर तक और कितनी बार फोन करते हैं, या किसे ईमेल भेजते है और किस वेबसाइट पर जाते हैं - दुनिया भर से गुप्त तौर पर इस तरह की जानकारियां इकठ्ठा करने का आरोप अमरीकी एजेंसियों पर लगा है.खुद अमरीका के नागरिकों ने बड़ी संख्या में इसे ‘निजता का हनन’ माना और अभियान का विरोध किया, लेकिन अमरीकी सरकार इसे सुरक्षा के लिए ज़रूरी बताती है.खुफ़िया तरीके से जुटाई गई जानकारियों को आधार बनाकर डाटा विश्लेषण किया जाता है और आगे का अनुमान लगाया जाता है.'अमूल्य' है डेटा
इस बारे में जब बीबीसी ने विदेश मंत्रालय से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई तो शीर्ष अधिकारियों ने इस पर आधिकारिक तौर पर बात करने से मना कर दिया.


कुछ महीने पहले भी जब ये विवाद उठा था और अमरीका के नागरिक खुद अपने देश के जासूसी अभियान का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए थे, तब भारत के विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा था कि, ‘...ये असल में जासूसी नहीं है.’बीते कुछ वर्षों में भारत में भी फोन टैपिंग के कई मामले प्रकाश में आए हैं.राज्यसभा में नेता विपक्ष अरूण जेटली से लेकर नीरा राडिया और अमर सिंह से लेकर कई प्रमुख राजनीतिज्ञों ने अपना फ़ोन किए जाने की शिकायत की थी.

Posted By: Satyendra Kumar Singh