ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कुछ ही दिनों पहले खेली गई वनडे सीरीज में भारतीय टीम ने कई इतिहास रचे वो एक ऐसी सीरीज रही जिसने युवा भारतीय बल्लेबाजी क्रम की ताकत को दुनिया के सामने रखा और हर बड़ा स्कोर भी छोटा सा लगने लगा लेकिन ठीक उसके उलट गेंदबाजों ने बेहद निराश किया. बल्लेबाजों ने गेंदबाजों के खराब प्रदर्शन को काफी हद तक छुपा तो लिया लेकिन ऐसी गेंदबाजी को कोई नजरअंदाज भी करता तो कैसे. शायद तभी जब वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली वनडे सीरीज के लिए टीम चुनी गई तो इस सेलेक्शन में भी चयनकर्ताओं ने गेंदबाजों पर नजरें ज्यादा दौड़ाईं.


इशांत और विनय की छुट्टीवेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए भारतीय टीम का ऐलान किया गया जिसमें इशांत शर्मा और विनय कुमार की छुट्टी कर दी गई है. जबकि धवल कुलकर्णी को पहला मौका देने का फैसला किया गया और एक बार फिर हरियाणा के तेज गेंदबाज मोहित शर्मा को नीली जर्सी पहनने का मौका मिलेगा. आखिर क्या हैं इस टीम की खूबियां और कमजोरियां, आइए जानते हैं.खामियां:1- टीम का मिडिल ऑर्डर


इस टीम में सबसे बड़ी कमजोरी जो नजर आ रही है वो है टीम का मिडिल ऑर्डर. ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दौरान एक बात जो सबसे अहम रही वह यह थी कि जो ऐतिहासिक जीतें हमनें हासिल कीं वह सभी ऊपर के 3-4 बल्लेबाजों की ही देन थी. मध्यक्रम में युवराज सिंह और सुरेश रैना, दोनों हैं तो धाकड़ बल्लेबाज लेकिन फिलहाल इनका बल्ला बिल्कुल फुस्स हुआ सा लगता है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में युवराज सिंह ने अपने करियर में एक वनडे सीरीज का सबसे खराब प्रदर्शन किया. उन्होंने चार पारियों में महज 19 रन ही बनाए और उनका सर्वाधिक स्कोर 12 रन रहा. इसके अलावा सुरेश रैना भी उनके स्तर के मुताबिक मुताबिक प्रदर्शन करते नजर नहीं आए.2- अनुभवी गेंदबाज की कमी

टीम की एक दूसरी कमजोरी होगी अनुभवी गेंदबाज की कमी. जहीर खान का टीम से बाहर रहना और अब इशांत शर्मा के खराब फॉर्म के बाद उनको भी बाहर कर देने से गेंदबाजी लाइन अप में कोई ऐसा गेंदबाज बाकी नहीं रह गया जो आगे से लीड कर सके. धवल कुलकर्णी जहां इस सीरीज में डेब्यू करेंगे, वहीं, भुवनेश्वर कुमार, मोहित शर्मा, जयदेव उनादकट और मोहम्मद शमी जैसे तेज गेंदबाजों पर जिम्मेदारी होगी कि वह अपने कप्तान का काम आसान करें, वो भी सिर्फ अपने थोड़े-बहुत हासिल किए हुए अनुभव से.खूबियां:1- बल्लेबाजी क्रम के लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं

बेशक इस टीम में कुछ छोटी-मोटी खामियां हैं लेकिन इस टीम की खूबियां व ताकत इतनी मजबूत है कि वे कमजोरियों को छुपाने व वेस्टइंडीज को बैकफुट पर ढकेलने का काम बखूबी कर सकती हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत ने दो बार 350 से ऊपर के विशाल लक्ष्य को हासिल करके दिखा दिया कि उनके बल्लेबाजी क्रम के लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं है. ऊपर के तीन बल्लेबाज (शिखर धवन, रोहित शर्मा और विराट कोहली) इन दिनों गजब के फॉर्म में हैं और इन्हें रोकना किसी भी टीम, किसी भी गेंदबाज के बस की बात नजर नहीं आ रही. इसके अलावा अब अंतरराष्ट्रीय टीम में रवींद्र जडेजा की वापसी भी हो जाएगी, जिनको कुछ दिन का आराम दिया गया था.2- जडेजा की मौजूदगी टीम व कप्तान को ट्रंप कार्डजडेजा की मौजूदगी टीम व कप्तान को एक ऐसा ट्रंप कार्ड देता है जो जरूरत के समय हमेशा काम आता नजर आया है. इसके अलावा कोलकाता टेस्ट में अश्विन ने अपना जो ऑलराउंडर रूप दिखाया, वो वेस्टइंडीज के गेंदबाजों व बल्लेबाजों में खौफ पैदा करने के लिए काफी होगा, और फिलहाल वह विश्व ऑलराउंडर रैंकिंग में नंबर वन पर पहुंचने का रुतबा भी हासिल कर चुके हैं. इसके अलावा थोड़ी बहुत जो कसर बाकी रहेगी वो मोहम्मद शमी पूरा कर सकते हैं, जिन्होंने कोलकाता टेस्ट में 9 विकेट लेकर अपने करियर का शानदार आगाज किया. उनके फॉर्म से वेस्टइंडीज वाकिफ है और टीम इंडिया के लिए यह गेंदबाज एक मजबूत कड़ी साबित हो सकता है. उधर, दूसरी तरफ हरियाणा की तरफ से रणजी खेल रहे मोहित शर्मा ने पिछले दो रणजी मैचों में सात विकेट झटके हैं जिसमें लाहिली में खेला गया सचिन तेंदुलकर का आखिरी रणजी मैच का खास विकेट भी शामिल रहा. इसी मैच में धवल कुलकर्णी ने भी 3 विकेट झटके थे.

Posted By: Satyendra Kumar Singh