चैन्नई में विश्व शतरंज चैम्पियनशिप में सफ़ेद मोहरों से खेल रहे भारत के विश्वनाथन आनंद को नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन के हाथों छठी बाज़ी में शनिवार को एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा है.


ऐसा प्रतीत हो रहा था कि पांचवी बाज़ी में शिक़स्त के बाद विश्वनाथन आनंद इस बार वापसी के लिए तैयार हैं, लेकिन कार्लसन ने एक बार फिर अपने मोहरे ऐसे बिछाए कि आनंद की एक नहीं चली और उन्हें हार माननी पड़ी.विश्व चैम्पियन आनंद के लिए इस मैच में अब करो या मरो की स्थिति होगी और दोनों खिलाड़ियों के बीच अगली बाज़ी निर्णायक साबित होगी. छह बाज़ियों के बाद कार्लसन, आनंद पर 4-2 से बढ़त बनाए हुए हैं.बाज़ी ड्रॉ होते-होते बची"बाज़ी शुरू होने के बाद मैं अपने मोहरों को मज़बूत जगहों पर बैठाना चाहता था, लेकिन एक ग़लती के बाद दूसरी ग़लती होती गई."-विश्वनाथन आनंद


कार्लसन इस बात से सहमति जताते हैं कि इस मुक़ाबले में मोहरे जिस तरह जमे थे, बाज़ी हार-जीत के नतीजे के बिना ख़त्म हो सकती थी, लेकिन आनंद उनके एक जरा से झांसे में आ गए. कार्लसन को मैच में स्वाभाविक बढ़त मिली है जहां अभी दोनों के बीच छह और बाज़ियां बाकी हैं.

मुक़ाबले के दौरान कार्लसन धीरे-धीरे अपनी स्थिति मज़बूत करते जा रहे थे और ऐसा लग रहा था कि आनंद अपना धैर्य खो रहे हैं. 38वीं चाल में आनंद ने अपना एक मोहरा ख़ुशी से खोया और ड्रॉ के इरादे से 44वें दांव में एक ओर मोहर गंवा दिया."आज मैंने शुरुआत से ही बढ़त बना ली थी. मैं उन पर थोड़ा दबाव बनाना चाहता था, मेरे लिए वाकई ज़्यादा ख़तरा नहीं था. थोड़ी क़िस्मत भी मुझ पर मेहरबान रही और मैं जीत गया."-मैग्नस कार्लसनइस समय मोहरे बिल्कुल उस स्थिति में थे, जिसमें बाज़ी अक्सर बिना नतीजे के ख़त्म होती है. लेकिन कार्लसन ने आनंद के इरादों पर पानी फेरकर उन्हें शिकस्त दे ही दी.विश्व चैम्पियन बनने के लिए कार्लसन को बाक़ी छह बाज़ियों से केवल 2.5 अंक बनाना है. आनंद ने इस हार को अपने लिए एक बड़ा झटका बताया है.आनंद ने कहा, ''बाज़ी शुरू होने के बाद मैं अपने मोहरों को मज़बूत जगहों पर बैठाना चाहता था, लेकिन एक ग़लती के बाद दूसरी ग़लती होती गई.''वहीं कार्लसन ने कहा, ''आज मैंने शुरुआत से ही बढ़त बना ली थी. मैं उन पर थोड़ा दबाव बनाना चाहता था, मेरे लिए वाकई ज़्यादा ख़तरा नहीं था. थोड़ी क़िस्मत भी मुझ पर मेहरबान रही और मैं जीत गया.''

Posted By: Subhesh Sharma