24 सितंबर से 9 अक्टूबर तक रहेगा 16 दिन का पितृ पक्ष

श्राद्ध करने से सुख और शांति का आशीर्वाद देते हैं पितृ

Meerut। आज से पितृपक्ष का शुभारंभ हो रहा है। पितृ पक्ष 15 दिन का होता है। इस दौरान लोग अपने पूर्वजों को याद करके तिथि अनुसार उनका श्राद्ध करते है। कहा जाता है कि श्राद्ध करने से पितृ प्रसन्न होकर सुख और शांति का आशीर्वाद देते हैं। इस साल पितृ पक्ष 24 सिंतबर से 9 अक्टूबर तक रहेंगे। वहीं, इस बार पितृ पक्ष 15 दिवसीय न होकर 16 दिवसीय होंगे, जिसमें पंचमी व षष्ठी का श्राद्ध 30 सिंतबर को होगा। वहीं, जिस परिवार में किसी पूर्वज की मृत्यु पूर्णिमा को हुई हो तो उनके यहां पितृ पक्ष पूर्णिमा से ही प्रारम्भ हो जाता है। पूर्णिमा का श्राद्ध 24 सितंबर दिन सोमवार का है। जो लोग पूर्णिमा का व्रत, पूजन करते है। वे दोपहर 1.25 बजे तक कर सकते है।

पूर्णिमा का श्राद्ध दोपहर में

पूर्णिमा श्राद्ध का महत्वपूर्ण समय दोपहर 1.25 से 3.50 बजे तक कुतुब योग रहेगा।

ऐसे करेंगे पितृ की सेवा

चन्द्रोदय का समय शाम 6.07 बजे के बाद से है। वही रात्रि लगभग 9 बजे चन्द्र दर्शन करते हुए दोनो हाथ फैला कर पितरों को पृथ्वी पर उतरने के लिए श्राद्ध की पूजा अर्चना की जा सकती है। अत: अपने पितरों को प्रसन्न व संतुष्ट करने के लिए यह बहुत ही बड़ा अवसर होता है। इसलिए जो लोग पितृपक्ष की अवेहलना करते है, उन्हें कष्ट प्राप्त होता है।

आपके पितृ सिर्फ आपके हैं

विद्वानों के मुताबिक देवताओं की पूजा तो हर कोई कर सकता है, लेकिन अपने पितरों की पूजा आपको ही करनी होगी। क्योंकि अपने पूर्वजों के गुणसूत्र वाले जेनेटिक कोड सिर्फ आप में ही मौजूद होते हैं। पितृ पक्ष में विशेष रुप से पूर्वजों का आभार प्रकट करें, ताकि वे तृप्त होकर हमें सुखद जीवन का आशीष प्रदान करें।

यह 15 दिन अपने पितृ को प्रसन्न करने के लिए ही होते है। हर तिथि के अनुसार ही पितृ का श्राद्ध किया जाता है। जिससे पितृ प्रसन्न हो जाते है।

पं। भारत ज्ञान भूषण, ज्योतिषाचार्य

श्राद्ध करने से घर परिवार में खुशहाली आती है, साथ ही पूर्वजों का आशीर्वाद सदैव बना रहता है। श्राद्ध करना भारतीय और सनातनी संस्कृति का हिस्सा है।

पं। अरविंद शास्त्री

Posted By: Inextlive