Agra:रात मैं बहुत परेशान हुआ मेरे तीन छोटे बच्चे हैं वो भी रात भर सो नहीं पाए वाइफ रात भर हाथ के पंखे से उनकी हवा करती रही. मैं ये सब देख रहा था पर कर कुछ नहीं पा रहा था. इसके पीछे सिर्फ एक ही कारण था. और वह था टोरेंट. जब से बिजली विभाग इस प्राइवेट कंपनी के हाथों में गया है तभी से उसने आगराइट्स का सुख-चैन छीन लिया है. जब बात परिवार पर आ जाए तो गुस्सा आना लाजमी है. रात भर बिजली रोस्टरिंग रही. गर्मी ज्यादा होने होने की वजह से रात मच्छरों को मारते ही कटी.


इनर्वटर हुआ फेलट्यूजडे इवनिंग 7:20 से 9:20 के बीच की रोस्टरिंग के दौरान घर का इनर्वटर फेल हो गया। ऑफिस से थका-हारा घर पहुंचा, इस दौरान लाइट भी आ गई। वाइफ खाना बनाने के किचिन में गई। 11.20 पर अचानक लाइट फिर चली गई। और इनर्वटर तो फेल हो ही चुका था। काफी इंतजार करने के बाद लाइट नहीं आई तो वाइफ ने मोमबत्ती की रोशनी में खाना बनाया। बेटी के साथ मैंने खाना अंधेरे में खाया। गर्मी के मारे मच्छरों हमारे ऊपर मंडरा रहे थे, ऐसा लग रहा था कि मच्छर हमें उठाकर ले जाएंगें।कब आएगी लाइट


मेरी सात साल की बेटी महक रातभर मुझसे सवाल करती रही, 'पापा लाइट कब आएगी। लाइट वाले अंकल से फोन करके पूछ लो गर्मी बहुत लग रही है। मच्छर काट रहे हैं.Ó मैं चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहा था। मोबाइल लेकर टोरंट का टोल नंबर डायल किया, लेकिन नंबर कंप्यूटर पर लगा हुआ था। इधर-उधर कुछ जानकार को फोन करके पूछा कि लाइट कब तक आएगी।मारते रहे मच्छर

कमरे में गर्मी के कारण बैठ नहीं पा रहे थे। सोचा कि छत पर कुछ सुकून नसीब हो सके। परिवार के साथ छत पर गया। लेकिन मच्छरों की बारात मेरा वहां भी इंतजार कर रही थी। बच्चों पर बारात टूट पड़ी, वे रोने लगे। मच्छरों और गर्मी से कुछ आराम मिले इसलिए वाइफ ने हाथ के पंखे का सहारा लिया। बेटी बार-बार पूछ रही थी कि पापा लाइट कब आएगी, गर्मी लग रही है। मॉस्किटोज हुए पहलवानआगराइट्स की नाक में दम सिर्फ टोरेंट ने ही नहीं कर रखा है बल्कि नगर निगम भी खूब परेशान कर रहा है। हर साल सिटी में मच्छरों को कंट्रोल करने के लिए नगर निगम को मोटा बजट मिलता है लेकिन डिपार्टमेंट फॉगिंग कुछ गिने-चुने इलाकोंं में करवाकर बाकी कागजी कार्रवाई में कर दे देता है। इस बार भी फॉगिंग नहीं हुई है। कुछ कॉलोनियों में जाकर पता किया तो पता चला कि इनके यहां तो कई सालों से निगम की फॉगिंग की गाड़ी नहीं देखी गई। वहां मच्छर इतनी तादाद में हैं कि उनपर मॉस्किटो क्वॉइल भी असर नहीं करती। गर्मी में अगर बिजली नहीं आएगी तो काफी परेशानी होती है देर रात और मार्निंग में सबसे ज्यादा बिजली की जरुरत होती है। इन दोनों टाइम पर जब लाइट नहीं आएगी तो स्टूडेंट्स कैसे पढ़ाई करेंगे। इस बारे में टोरेंट को सोचना चाहिए कम से कम देर रात और मार्निंग में बिजली नहीं कटनी चाहिए।डॉ। संजीव शर्मा, प्रोफेसर यूनिवर्सिटी


बढ़ गया लोड
अचानक गर्मी बढऩे के कारण लोगों के फ्रिज, कूलर, एसी, पंखे चलने लगे हैं। पॉवर हाउस पर एकदम पॉवर का लोड बढऩे से जगह-जगह ट्रिप होते रहे। वेडनसडे दोपहर को बोदला के 132 केवी पॉवर हाउस पर ट्रिप होने से पूरे दिन उस एरिया में लाइट नहीं रही। लोग टोरंट कंपनी को कोसते नजर आए। गर्मी के कारण बच्चे बीमार पढऩे लगे हैं। नहीं रही लाइट 4.15am से 6.19pm12 pm से 2.30pm7.20amसे 9.20am 11.20am से 01.20pmटोरंट कंपनी ने बसपा सरकार में कदम रखा। सपा पार्टी के प्रत्याशियों एजेंडे में था कि टोरंट से सिटी को निजात दिलाएंगें। लेकिन सपा ने तो टोरंट का दोनों बाहें फै लाकर स्वागत किया। टोरंट कंपनी ने सुप्र्रीम कोर्ट के आदेशों को भी ताक पर रख दिया है। टोरंट लोगों को लूटने का काम कर रही है।लाइट का तो पता ही नहीं चलता कब आ रही है और कब जा रही है। बस इतना पता है कि समय पर बिल आता है। संजीत कुमार

Posted By: Inextlive