अब रोड पर पशु बांधना बरेलियंस को भारी पड़ सकता है. शहर की सफाई व्यवस्था के चलते एनजीटी ने पहले ही रोड पर पशु बांधने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया था

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BAREILLY :
अब रोड पर पशु बांधना बरेलियंस को भारी पड़ सकता है. शहर की सफाई व्यवस्था के चलते एनजीटी ने पहले ही रोड पर पशु बांधने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया था, लेकिन ठोस कार्रवाई न होने के चलते स्थिति जस की तस बनी रही. अब नगर आयुक्त ने ऐसे पशु स्वामियों से नोटिस के साथ ही 2000 रुपये जुर्माना भी वसूलने के आदेश दिए हैं. नगर आयुक्त के आदेश के बाद सैटरडे को शहर में निगम ने अभियान भी चलाया. जिसमें एक डेयरी संचालक से जुर्माना वसूला गया.

पहले यह थी व्यवस्था
पहले रोड किनारे पशु बांधने वालों को नोटिस और चेतावनी देकर ही छोड़ दिया जाता है. कोई ठोस कार्रवाई न होने से पशु स्वामी के कान पर जूं तक नहीं रेंगती थी. वही निगम भी महीने में एक से दो बार ही अभियान चलाकर पल्ला झाड़ लेता था.

निगम की बढ़ेगी इनकम
शहर के कई इलाकों में सड़क किनारे डेयरियां चलाने के साथ ही डेयरियों के पशु सड़क किनारे बांधे जा रहे हैं. जुर्माने से जहां एक ओर शहर की सड़कों पर पशु बांधने पर रोक लगेगी साथ ही नगर निगम की इनकम में भी इजाफा होगा.

गोबर-मूत्र से हो रही भीषण गंदगी
नगर आयुक्त ने हाल ही में शहर में सफाई व्यवस्था का जायजा लिया. जिसमें कई इलाकों में डेयरी और बाहर बंधे पशुओं द्वारा किया गया गोबर मूत्र नालियों में बहता मिला. इसके चलते नाले-नालियां चोक होने की समस्या बनी हुई है.

चार टीमें कसेंगी शिकंजा
शहर में सड़कों पर पशु बांधने पर अंकुश लग सके इसके लिए नगर आयुक्त ने तीन-तीन सदस्यों की चार टीमों का गठन किया गया है. जो नियमित रूप से शहर में अभियान चलाकर पशु स्वामी और डेयरी संचालकों पर कार्रवाई करेंगी.

बाहर बंधे थे पशु, ठोका जुर्माना
सैटरडे को नगर निगम की टीम ने राजेंद्र नगर स्थित केके हॉस्पिटल के सामने नूर डेयरी के बाहर पशु बंधे मिले थे. टीम ने डेयरी संचालक पर 2000 रुपये जुर्माना डाला वहीं दोबारा पशु बाहर बांधने पर 5000 जुर्माना राशि बढ़ाकर वसूल करने और कानूनी कार्रवाई करने को भी चेताया.

एनजीटी के आदेश में नगर आयुक्त ने संशोधन किया है. पहले सिर्फ पशु स्वामियों को नोटिस देने की व्यवस्था थी लेकिन अब नोटिस के साथ ही 2000 रुपये जुर्माना भी वसूला जाएगा. अभियान की शुरुआत कर दी गई है.
- संजीव प्रधान, पर्यावरण अभियंता

Posted By: Radhika Lala