Allahabad: पुलिस ने गेम किया है. फर्जी मुकदमा दर्ज कराया है. आईजी डीआईजी और एसएसपी कोई नहीं मिल रहा है. थानेदार कह रहे हैं कि ऊपर से प्रेशर है. आखिर हम अब क्या करें? समझ में नहीं आ रहा है कि ये कैसे हो गया? हमने जो थाने में तहरीर दी थी वह अज्ञात बदमाशों के खिलाफ थी. मैं अपनी बेटी की मौत को राजनीति की आग में नहीं झोंकना चाहता. स्वरूपरानी हॉस्पिटल के पोस्टमार्टम हाउस के बाहर कुछ इसी अंदाज में अनीता के घर वाले अपना गुस्सा पुलिस ऑफिसर पर उतार रहे थे.

क्या कसूर था उसका 

अनीता के पिता और भाई का कहना था कि हमें सिर्फ इतना पता चला कि वह पति राजेश यादव से मिलने जेल गई थी। मुलाकात करके घर लौट रही थी, तभी बदमाशों ने उसे गोलियों से भून डाला। घटना की जानकारी मिलते ही हम यहां पहुंचे। अनीता ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं थी। राजेश के जेल जाने के बाद तीन बेटियों की परवरिश करना आसान नहीं था। वह अकेले ही अपनी जिम्मेदारियों को निभा रही थी। उसकी किसी से कोई रंजिश नहीं थी। मायके वाले ही नहीं पूरे गांव वाले उनके साथ थे। इस दौरान एक व्यक्ति वहां पहुंचा और पूरी कहानी बदल गई. 

जेल से पिता का फोन है 

वह अजनबी वकील की डे्रस में था। उसे ज्यादातर लोग पहचान रहे थे। लेकिन, उसके बारे में ज्यादा जानकारी किसी और को नहीं है। अजनबी ने अनीता की बड़ी बेटी को बुलाया। कहा कि जेल से तुम्हारे पिता राजेश यादव का फोन है। बेटी खुशबू अपने पिता के नाम पर भीड़ से अलग हो गई। उस अजनबी ने खुशबू को आश्वासन दिया कि चिंता मत करो। 10 लाख रुपए मिल जाएंगे। उसने कार्रवाई करने के नाम पर एक सादे पेपर पर खुशबू से साइन करा लिए और उससे कुछ लिखवा भी लिया। पिता का कहना था कि हम इतने तनाव में थे कि कुछ समझ ही नहीं पाए। आक्रोश इतना बढ़ गया कि गांव वालों ने मिलकर विरोध जताते हुए रोड जाम कर दिया था।

रात में पुलिस ने किया गेम

कई घंटे तक हम लोग रोड जाम किए रहे। मौके पर पहुंचे पुलिस ऑफिसर ने आश्वासन दिया कि जल्द ही शूटर पकड़ लिए जाएंगे। इसके बाद रात करीब दस बजे हम इंडस्ट्रियल एरिया पुलिस स्टेशन पहुंचे। वहां नैनी इंस्पेक्टर और सीओ करछना समेत कई ऑफिसर मौजूद थे। अनीता के पिता और उसके भाइयों ने अज्ञात में मामला दर्ज करने के लिए तहरीर दी। करीब 11 बजे तक सभी लोग वहां से निकल गए। इसके बाद पुलिस ने हमारी तहरीर बदल दी। पुलिस ने उस अजनबी की तहरीर को ही असली माना जिसने धोखे सेखुशबू का सादे पेपर पर सिग्नेचर करा लिया था। इसी आधार पर पुलिस ने पूर्व मंत्री नंद गोपाल नंदी को मुख्य आरोपी बनाते हुए रिपोर्ट दर्ज कर ली गई. 

बर्दाश्त नहीं करेंगे 

अनीता के कजिन सूर्य प्रकाश ने बताया कि थर्सडे मार्निंग उन्होंने न्यूज पेपर पढ़ा तो दंग रह गए। समझ में नहीं आया कि ये क्या हो गया? केस में नंदी कहां से आ गए। किसी ने भी नंदी या उनके किसी परिचित को गोली मारते नहीं देखा था। फिर अनीता मर्डर केस में उन्हें हम किस बेस में आरोपी बनाते। हमारे साथ राजनीति की जा रही है। हम अपनी बेटी की मौत पर राजनीति नहीं चाहते थे। थाने पहुंचे तो थानेदार ने कहा कि ऊपर से प्रेशर है। हम कुछ नहीं कर सकते।

कहां गए IG, DIG & SSP

सुबह गांव वालों ने तय कर लिया कि इस फर्जीवाड़े का वह विरोध करेंगे। इससे बॉडी का पंचनामा ही नहीं भरा जा सका। इंडस्ट्रियल थाने की पुलिस बार-बार फोन करके दबाव बना रही थी कि हम लोग आकर पंचनामा भर दें ताकि पोस्टमार्टम हो जाए। सूर्य प्रकाश ही नहीं चार-पांच गाडिय़ों से गांव वालों के साथ सीधे आईजी के यहां पहुंचे। पता चला कि वह छुट्टी पर हैं। फिर हम आईजी एन रविन्दर के पास पहुंचे। काफी देर तक गेट पर खड़े रहे। लेकिन, मुलाकात नहीं हुई। अंदर से बताया कि साहब मीटिंग में गए हैं। हार मान कर एसएसपी मोहित अग्रवाल से मुलाकात करने पहुंचे। किसी ने बताया कि साहब अंदर हैं। लेकिन, यहां भी निराशा हाथ लगी। हमें एसएसपी मोहित अग्रवाल से भी नहीं मिलने दिया गया. 

CO ने दिया आश्वासन 

दूसरी ओर सीओ करछना राधे श्याम राय ने अनीता के चाचा और कजिन को फोन किया और आश्वासन दिया कि वे जो चाहते हैं वहीं होगा। पीएम हाउस पर दोपहर सवा दो बजे अनीता के चाचा और कजिन सूर्य प्रकाश दर्जनों गांव वालों के साथ पहुंचे। उन्होंने सीओ से साफ-साफ कहा कि पुलिस ने जो किया है वह गलत है। खुशबू से आप बयान ले लें, उसने नंदी के खिलाफ कोई तहरीर नहीं दी है। इस पर सीओ ने कहा कि आप हमारे साथ थाने चलें, वहीं आपकी दूसरी तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी. 

FIR  के बाद हुआ पोस्टमार्टम

इसके बाद सीओ के साथ सभी इंडस्ट्रियल थाना पहुंचे। दुबारा तहरीर दी। इसमें साफ-साफ लिखा कि अज्ञात बदमाशों ने अनीता की गोली मार कर हत्या की है। सीओ ने बताया कि इस मामले में अब अज्ञात बदमाशों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। एफआईआर से संतुष्ट होने के बाद अनीता के घर वालों ने पंचनामा भरा और शाम को पोस्टमार्टम हुआ।

पेरोल पर छूटा राजेश यादव

अनीता का पति राजेश यादव जरायम जगत में बड़ा नाम है। राजेश यादव इस समय जेल में है। वह भी पूर्व मंत्री नंद गोपाल नंदी पर हमले के आरोप में। मंत्री नंदी पर हमले में आरडीएक्स का यूज हुआ था। पुलिस ने साइंटिफिक एविडेंस पर विवेचना रिपोर्ट तैयार की है। इसी का नतीजा है कि हमला 12 जुलाई 2011 को हुआ था और जेल पहुंचे आरोपियों में सिर्फ एक विधायक विजय मिश्रा को ही हाईकोर्ट से जमानत मिली है। जेल जाने के बाद राजेश यादव पहली बार कुछ घंटों के लिए जेल से छूटा है। फैमिली मेम्बर्स के अनुरोध पर कोर्ट ने उसे पेरोल पर अनीता के अंतिम संस्कार में शामिल होने की परमिशन दे दी. 

 कौन है राजनीति का सूत्रधार

अनीता के मायके वालों ने इंसाफ की जंग में पूर्व मंत्री नंद गोपाल नंदी को आरोपी बनाने से बचा लिया। लेकिन, इस बात पर वह भी चुप्पी साधे हैं कि इस राजनीति गेम का सूत्रधार कौन है? उनका कहना है यह तो पुलिस और प्रशासन दोनों जानते हैं। क्योंकि, अनीता के बेटी के नाम वाली तहरीर लेकर थाने वही पहुंचा था। परिवारवालों के मुताबिक यह वही व्यक्ति है जिसने राजेश को जेल से छूटने के लिए कोर्ट में अपील भी की थी। वैसे राजेश गांव के ही एक वकील की अप्लीकेशन पर पेरोल पर छूटा है. 

Posted By: Inextlive