i reality check

-बाढ़ के आसार होने के बावजूद छोटा बघाड़ा स्थित राहत कैंप में नही हैं कोई इंतजाम

-हजारों लोगों के लिए नहीं है एक भी शौचालय, टपक रही है शेल्टर की छत

vineet.tiwari@inext.co.in

ALLAHABAD: शहर के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा पिछले एक सप्ताह से मंडरा रहा है। लेकिन राहत कैंप में इंतजामात करने का पत्र महज दो दिन पहले आया है। यहां बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित छोटा बघाड़ा और आसपास के एरिया के एकमात्र राहत कैंप एनी बेसेंट इंटर कॉलेज की बात हो रही है। सुविधाओं के अभाव में यह इमारत राहत कम मुसीबत कैंप अधिक लग रही है।

क्या मैदान में शौच करेंगे बाढ़ पीडि़त

एनी बेसेंट इंटर कॉलेज में फिलहाल एक ही शौचालय है और वह स्टाफ के यूज का है। उसे राहत कैंप बनाने के दौरान लॉक ही रखा जाता है। बच्चों का शौचालय ध्वस्त हो चुका है और नया बनकर अभी तैयार नहीं हुआ है। ऐसे में अगर बाढ़ आने पर हजारों शरणार्थी यहां आते हैं तो उन्हें मजबूरन मैदान में शौच करना होगा।

बाउंड्री नहीं कैसे होगी सुरक्षा

कॉलेज में बाउंड्री नहीं है। बाहरी व्यक्ति आसानी से कैंपस में घुसकर मनमानी करते हैं। ऐसे में शरणार्थियों की सुरक्षा कैसे होगी यह बड़ा सवाल है। उनके सामानों की चोरी होना लाजिमी है। कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि बाउंड्री नहीं होने से बच्चों की सुरक्षा पर भी सवालिया निशान लगता है।

न घर के होंगे, न घाट के

बाढ़ के पानी से डरकर राहत कैंप में आने वाले लोगों को एनी बेसेंट कॉलेज में चैन की नींद आनी मुश्किल है। जिस बड़े हाल में सैकड़ों बाढ़ पीडि़त अपनी रात गुजारते हैं वहां छत से लगातार बारिश का पानी टपक रहा है। यहां दिन में नर्सरी के बच्चों की क्लास नहीं लग पाती, शरणार्थी क्या खाक सो पाएंगे।

इन झाडि़यों में है जान जाने का खतरा

इसी कैंपस में बारिश के सीजन में काफी बड़ा जंगल तैयार हो गया है। यहां घने पौधे और झाडि़यों की वजह से सांप और बिच्छू जैसे जहरीले जानवरों का खतरा रहता ही है। कई बार स्कूली बच्चों को उधर जाने नहीं दिया जाता। ऐसे में आपदाग्रस्त लोगों की जान को भी इन झाडि़यों से खतरा हो सकता है।

यहां भी नहीं हुए इंतजाम

इसी तरह एलनगंज स्थित आदर्श माध्यमिक और पूर्व माध्यमिक स्कूल में भी इंतजाम नहीं हुए हैं। यहां भी बाढ़ राहत केंद्र की स्थापना की जाती है। लेकिन, रियलिटी चेक के दौरान रिपोर्टर ने देखा कि चारों ओर जलभराव की समस्या है। साथ ही ढंग से साफ-सफाई भी नहीं हो रही है। मौके पर मौजूद स्टाफ ने बाढ़ राहत संबंधी प्रशासन के किसी पत्र मिलने से भी इंकार किया।

हर बार होती है प्रशासन की किरकिरी

यह पहली बार नहीं है। हर साल शहर के सबसे बड़े शेल्टर के रूप में एनी बेसेंट कॉलेज को चयनित किया जाता है। बाद में शरणार्थी बिना सुविधा जैसे-तैसे यहां समय गुजारते हैं। कॉलेज प्रबंधन का कहना बार-बार प्रशासन को पत्र लिखने के बाद भी कार्रवाई नहीं होती है। बाहरियों का अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। इससे न तो बच्चे सुरक्षित हैं और न ही शरणार्थी सेफ रहेंगे।

तेजी से बढ़ रही हैं गंगा

यमुना में उफान भले ही थम गया हो लेकिन गंगा में जल बढ़ोतरी बनी हुई है। गुरुवार को गंगा में 17 सेमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इससे निचले इलाकों में खतरा बना हुआ है। यह भी बता दें कि गंगा बैराज और हथिनी कुंड से छोड़ा गया पानी अभ्ीा इलाहाबाद नही पहुंचा है। इससे जलस्तर में थोड़ा बदलाव आ सकता है। इधर बारिश नहीं थमने से भी प्रशासन की चिंता बनी हुई है।

जलस्तर

गंगा- 78.85 मीटर

नैनी- 77.88 मीटर

खतरे का निशान- 84.37 मीटर

प्रशासन का लेटर दो दिन पहले मिला है। हमारे पास बिजली और पानी है। शौचालय अभी तैयार नहीं हुआ है। हाल की छत भी टपक रही है। इससे बच्चों को भी दिक्कत हो रही है। प्रशासन को पत्र भेजा जा चुका है लेकिन सुनवाई नहीं हुई है।

-मीरा सिंह, प्रिंसिपल

एनी बेसेंट इंटर कॉलेज

Posted By: Inextlive