Patna : कोई भगवान की दान थैली में पैसे डाल रहा था तो कोई जय जगन्नाथ गाते हुए सड़कों पर नाच रहा था. अचानक आरती होने की घोषणा हुई और विधिवत पूजा के बाद भगवान जगन्नाथ का पट लोगों के दर्शन के लिए खोल दिया गया.


शान से निकली रथयात्रा
क्या आम आदमी क्या बिहार पुलिस के जवान, सभी अपने-अपने मोबाइल में भगवान की झलक को कैद करने में जुट गए। इसके बाद हजारों लोगों के द्वारा हाथ उठा कर एक जयघोष और निकल पड़ी रथयात्रा। आगे-आगे हाथी व ऊंट की सवारी, उसके बाद बैंड बाजा, उसके बाद रथ की रस्सी खींचते हजारों भक्तजन और अंत में सुशोभित रथ पर भगवान जगन्नाथ। यह दृश्य था पटना में आयोजित इस्कॉन की रथयात्रा का, जिसमें पूरे राज्य के लोगों के साथ मॉरिशस और लंदन से भी भक्तजन पहुंचे थे.

भगवान निकले भ्रमण पर
ऐसी मान्यता है कि गर्मी के दिनों में भगवान जगन्नाथ भी बीमार हो जाते हैं। और 15 दिनों के विश्राम के बाद मन बदलने के लिए भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ एक सप्ताह के लिए मौसी के घर जाते हैं। इस संबंध में इस्कॉन मंदिर के प्रवक्ता नंद गोपाल दास ने बताया कि पटना में चूंकि दूसरा मंदिर नहीं, इसलिए मौसी का घर मंदिर के एक कोने में ही बना दिया गया है। इसी वजह से रथ वापस मंदिर में आ जाता है। दूसरी ओर भजन कीर्तन के बाद भगवान की सवारी इस्कॉन से निकल कर डाकबंगला के रास्ते फ्रेजर रोड, गांधी मैदान फिर महावीर मंदिर होते हुए इस्कॉन मंदिर पहुंची।

झाड़ू लगा कर किया रथ रवाना
 जगन्नाथपुरी मंदिर की यह पुरानी मान्यता है कि उस प्रदेश का राजा अपने हाथ से झाड़ू लगाता है तभी भगवान की सवारी आगे बढ़ती है। इसी तर्ज पर पटना में आयोजित रथयात्रा के चीफ गेस्ट पर्यटन मंत्री सुनील कुमार पिंटू ने झाड़ू लगाकर रथ को रवाना किया। रथयात्रा में हजारों की संख्या में बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग हाथों में लाल ध्वजा लेकर रथ को खींच रहे थे। लंदन से आए इस्कॉन के महाविष्णु ने सड़क पर नाच-गाकर कीर्तन कर भगवान के प्रति भक्ति जाहिर की.

Posted By: Inextlive