उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार ने बीती सरकार का एक आैर फैसला बदल दिया है। यहां पढ़ें क्या है वो फैसला...

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LUCKNOW: राज्यपाल राम नाईक ने 'उप्र जल संभरण तथा सीवर व्यवस्था (संशोधन) अध्यादेश 2018 को मंजूरी प्रदान की है। मौजूदा समय में राज्य विधान मंडल सत्र में न होने के कारण एवं विषय की तात्कालिकता को देखते हुए राज्यपाल ने मंत्रिपरिषद के प्रस्ताव को विधिक परीक्षण के बाद अपनी स्वीकृति प्रदान की है। इस फैसले से जल निगम चेयरमैन के पद को फिर से लाभ का पद मान लिया है।
इस पद को सपा सरकार ने गैर लाभ का पद माना था
दरअसल इस पद को सपा सरकार में गैर लाभ का पद मानते हुए निगम के प्रबंधकीय व्यवस्था पर उनके नियंत्रण को समाप्त कर दिया था। नए संशोधन से उप्र जल निगम को अधिनियम की शक्तियों के प्रयोग और अनुपालन में सहायता मिलेगी। उल्लेखनीय है कि सपा शासनकाल में तत्कालीन नगर विकास मंत्री आजम खां ने जल निगम चेयरमैन की कुर्सी भी अपने पास रखी थी। मंत्री के पद पर रहते हुए नियमानुसार वह खुद इस पद पर नहीं रह सकते थे, इसलिए उन्होंने चेयरमैन के पद को गैर लाभ का पद घोषित कराया था।

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Posted By: Shweta Mishra