AGRA 17 Jan. : सोशल एक्टिविस्ट के घर में घुसकर अभद्रता और मारपीट के आरोपी पुलिसकर्मियों के अंगेस्ट कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने के ऑर्डर दिए कोर्ट में पहुंचा मामला संगीन धाराओं का है. पीडि़त के वकील का कहना है कि अगर पुलिस अधिकारियों ने ईमानदारी बरती तो आरोपियों को जेल जाने से कोई नहीं बचा पाएगा.


कमला नगर का है मामला कमला नगर निवासी सोशल एक्टिविस्ट संजीव वर्मा का आरोप है कि 2012 की 19 जून की दोपहर 2 बजे उसकी गैर मौजूदगी में कमला नगर चौकी से पुलिसकर्मी सतेंद्र कुमार उनके रेजीडेंस पर पहुंचा। फैमिली मेम्बर्स से बद्तमीजी करते हुए वादी को चौकी पर हाजिर होने की चेतावनी दी। पुलिस की ओर से घर पर पहुंचकर की गई अभद्रता की कंप्लेन करते हुए कंप्लेनेंट वर्मा की ओर से एसएसपी को टेलीग्राम किया था। कप्तान को सूचना देने पर पुलिसवाले बुरी तरह से खिसिया गए। 12 अक्टूबर 2012 शाम करीब चार बजे चौकी इंचार्ज पहुप सिंह, पुलिसकर्मी सतेंद्र कुमार, सुमित चौधरी और अन्य पुलिसवालों के साथ कंप्लेन करने वाले के घर में घुस गए.  जाति सूचक श?द बोलते हुए अभद्रता करने लगे। जब इस तरह की बद्तमीजी का विरोध किया तो पुलिसवालों ने जमकर मारपीट की। गर्भवती बहन को भी नहीं छोड़ा
इंचार्ज के साथ पहुंचे पुलिसकर्मियों ने कंप्लेन करने वाले के साथ अमानवीयता की हद पार करते हुए कान का पर्दा तक फाड़ दिया था। उसे बचाने के लिए जब उसकी वाइफ और गर्भवती बहन आगे आई तो पुलिसवालों ने उससे भी अभद्रता कर दी। पुलिसवाले कंप्लेन करने वाले को जबरन घर से ले गए और 34 पुलिस एक्ट में चालान कर दिया। पीडि़त ने जब पुलिस के अधिकारियों से कंप्लेन की तो उनकी नहीं सुनी गई। जब पुलिस ने नहीं सुनी तो कंप्लेनेंट ने सीनियर एडवोकेट राजन सिंह यादव के थ्रू कोर्ट में 156 (3) सीआरपीसी के तहत एप्लीकेशन मूव करते हुए पुलिसकर्मियों के अंगेस्ट रिपोर्ट दर्ज कराने की रिक्वेस्ट की। इन धाराओं में हुई रिपोर्टसीजेएम ने मामले को संज्ञान में लेते हुए आरोपियों के अंगेस्ट आईपीसी के सेक्शन 147, 323, 354, 452, 166, 194, 504, 506, 120 बी और एसएसीएसटी एक्ट के सेक्शन 3 (1) (10) के अंतर्गत रिपोर्ट दर्ज करने के ऑर्डर थाना न्यू आगरा के एसओ को दिए हैैं।

Posted By: Inextlive