एक स्टडी में पता चला है कि अंटार्कटिका में स्थित पूर्वी अंटार्कटिक आइस शीट वैश्विक समुद्र स्तर को बढ़ाने के लिए काफी हद तक जिम्मेदार हो सकता है। बता दें कि कई जगहों पर ये आइस शीट 12000 फुट से भी अधिक मोटा पाया जाता है और इसके भारी मात्रा में पिघलते ही दुनिया समुदरों में समा सकती है।


इस यूनिवर्सिटी का अध्ययन टेक्सास यनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर शॉन गुलिक ने अपने स्टडी में पाया है कि "पूर्वी अंटार्कटिक आइस शीट में पिछले लाखों सालों में मामूली बदलाव देखा गया था, लेकिन इस बार रिसर्च के दौरान देखा गया है कि बर्फ अधिक मात्रा में तेजी से पिघल रही है, जो समुद्री स्तर को करीब 10-15 फीट तक बढ़ा सकता है" बर्फ पिघलने के कई कारणस्टडी के मुताबिक बर्फ पिघलने का कारण स्वाभाविक तापमान ही नहीं है बल्कि ओसियन के बहाव और बर्फ की चादरों के नीचे स्थित बेडरॉक भी काफी हद तक इसके लिए जिम्मेदार हैं। बता दें कि अगर समुद्र का स्तर बर्फ की पिघलने से 10-15 फुट तक पहुँचता है तो दुनिया को भारी नुकसानों का सामना भी करना पड़ सकता है। ऐसे दुनिया को बचाया जा सकता है
हालांकि, यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर का मानना है कि बर्फ की पिघलने के साथ जमने का पुराना इतिहास रहा है। इसलिए, अभी ही इसका उपाय खोज दुनिया को एक बड़ी क्षति से बचाया जा सकता है।

Posted By: Mukul Kumar