-कानपुर के रहने वाले प्रो। राकेश भटनागर कर रहे हैं एंडी बॉडी और एंटी बायोटिक वैक्सीन पर काम

-आईआईटी में बायोटेक-2015 में शिरकत करने आए जेएनयू के डीन ऑफ बायोटेक्नोलॉजी ने शेयर की इंफॉर्मेशन

KANPUR: जानलेवा एंथ्रेक्स बैक्टीरिया के हमले से बचने के लिए वैक्सीन डेवलप करने वाले शहर के डॉ। राकेश भटनागर अब इसके बॉयोलॉजिकल वार से बचने के लिए एंटी बॉडी और एंटी बॉयटिक पर रिसर्च कर रहे हैं। आईआईटी में चल रहे बॉयोटेक-ख्0क्भ् में शिरकत करने आए जेएनयू के डीन ऑफ बॉयोटेक्नोलॉजी डॉ। भटनागर ने यह जानकारी दी।

कोई मेडिसिन काम नहीं करती

शहर में बिरहाना रोड के रहने वाले डॉ। राकेश भटनागर ने बीएससी, एमएससी की पढ़ाई पीपीएन डिग्री कॉलेज से की थी। इसके बाद क्977 में नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट से पीएचडी पूरी की। उन्होंने बताया कि एंथ्रेक्स का बैक्टीरिया 70 परसेंट जानवरों से ही आता है। जब कोई रोगी एंथ्रेक्स की चपेट में आता है तो रोगी को बहुत तेज बुखार आता है। श्वांस लेने में भी दिक्कत होती है। कोई मेडसिन काम भी नहीं करती है। बैक्टीरिया टॉक्सिन बनाता है जो कि ब्लड में सर्कुलेट होता है और रोगी की डेथ हो जाती है।

हो चुका है ह्यूमन ट्रॉयल

डॉ। भटनागर ने बताया कि एथ्रेक्स से निपटने के लिए क्0 साल पहले वैक्सीन डेवलप कर ली गई थी। एनिमल के बाद ह्यूमन ट्रायल भी हो चुका है। तीसरे चरण के ट्रायल के लिए डेटा एनालाइज करने का काम तेजी से चल रहा है। इसके साथ ही वो बॉयलॉजिक वार से बचने के लिए थिराप्यूटिक वैक्सीन डेवलप करने पर काम कर रहे हैं। इसकी खासियत यह है कि यह बैक्टीरिया को पूरी तरह से खत्म कर देगी।

Posted By: Inextlive