Ranchi: सा रे गा मा पा सा रे सा... ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन वो तो गली-गली हरी गुण गाने लगी... जैसे भजनों के साथ जब संडे को भजन सम्राट अनूप जलोटा ने कांके रोड स्थित होटल हॉलीडे होम में अपनी आवाज का जादू चलाया तो ऑडिएंस बस उन्हें सुनती ही रही. मौका था यहां आयोजित चैरिटेबल इवेंट 'एन ईवनिंग विद अनूप जलोटाÓ का. भजन सम्राट कहे जानेवाले अनूप जलोटा ने इस इवेंट एक से बढ़कर एक भजन गाकर ऑडिएंस को मेस्मेराइज कर दिया.

खोला अपनी लंबी सांस का राज
हैं आंख वो जो श्याम का दर्शन किया करे, है शीष जो प्रभु चरण में वंदन किया करे। मुख है वो जो हरी नाम का सुमिरन किया करे। हीरे-मोती से नहीं शोभा है हाथ की, है हाथ जो भगवान का पूजन किया करे। मर के भी अमर नाम है उस जीव का जग में, प्रभु प्रेम में बलिदान जो जीवन किया करे। ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन, मीरा गोविंद
गोपाल गाने लगी भजन की लंबी तान के बाद अनूप जलोटा ऑडिएंस से मुखातिब हुए और कहा- आपलोग सोच रहे होंगे कि मेरी लंबी सांस का राज क्या है। अभी तक इसके बारे में मैंने किसी को नहीं बताया, लेकिन आज पहली बार आपको बताने जा रहा हूं। इसका राज है बाबा रामदेव का प्राणायाम। यह प्राणायाम बहुत ही चमत्कारी है। एक व्यक्ति इसको डेली करता था। जब 105 साल के बाद उसकी मौत हो गई, तो सीधे स्वर्ग में पहुंचा। स्वर्ग के गेट पर एक अप्सरा ने वेलकम ड्रिंक के साथ उसका वेलकम किया। इसके बाद जब वह अंदर गया, तो एक दूसरी अप्सरा ने गुलाब के फूलों की माला उसके गले में डाली। और अधिक अंदर जाने पर एक तीसरी अप्सरा ने उसके वेलकम में आइटम डांस पेश किया। ऐसे में वह सोचने लगा कि बाबा रामदेव के चक्कर में वह लेट हो गया। अनूप जलोटा की ये बातें सुनते ही ऑडिएंस हंस-हंसकर लोटपोट हो गई। अनूप जलोटा की खासियत है कि वह जब भी स्टेज पर प्रोग्राम दे रहे होते हैं, तो उस दौरान वह गाने के बीच-बीच में ऑडिएंस से मुखातिब होकर कहानियां सुनाकर हंसाते भी रहते हैं।

ताकते रहते तुझको सांझ सवेरे
ताकते रहते तुझको सांझ सवेरे, नैनों में बसयां जैसे नैन ये तेरे अनूप जलोटा ने जब दबंग मूवी का यह सांग गाना शुरू किया, तो एक बार लोग चौंक गए कि गजल और भजन की इस संध्या में दंबग फिल्म का यह गाना कहां से आ गया। लेकिन, इसपर हंसते हुए अनूप जलोटा ने कहा- मुझे पता है कि आप क्या सोच रहे हैं, लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि मेरे भजन पर बेस्ड कितने फिल्मी गाने बने हैं। इसके बाद अनूप जलोटा ने राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट, अंत काल पछताएगा, जब प्राण जाएंगे छूट, हरि-हरि जप ले मनवा, तेरे मन में राम, तन में राम, रोम-रोम में राम, राम सुमिरले ध्यान लगा ले भजन गाकर माहौल राममय कर दिया।
ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो, भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी, मगर मुझको लौटा दो, जगजीत मेरा। वो शाम-ए-गजल की, वह गजल-ए-रूमानी गजल के साथ अनूप जलोटा ने गजल सिंगर स्व जगजीत सिंह को याद किया। इसके अलावा दमादम मस्त कलंदर सांग गाकर उन्होंने

माहौल में जोश भर दिया.
अनूप जलोटा ने ऑडिएंस की फरमाइश पर कई गजलें भी गाईं। इसमें उन्होंने जब पास तुम नहीं, तो बहारों का क्या करें गजल सुनाई। इतना ही नहीं, बीच-बीच में ऑडिएंस से बातें भी करते रहे। इसी बीच उन्होंने कहा- इस बार मैं दूसरी बार रांची आया हूं  और यहां आकर मुझे काफी अच्छा लगा। यहां आने से इस शहर से जुड़ी मेरी पुरानी यादें ताजा हो गईं।

'मैं singer नहीं होता, तो cricketer होता'
धौनी, तेंदुलकर और युवराज का मैं बहुत बड़ा फैन हूं। अगर मैं सिंगर नहीं होता, तो क्रिकेटर होता। कॉलेज के समय में जब भी फुर्सत मिलती थी, क्रिकेट खेलता था। आज भी टीवी पर क्रिकेट मैच जरूर देखता हूं। सुनील गावस्कर और किरण मोरे तो मेरे बहुत अच्छे फ्रेंड्स भी हैं। यह कहना है भजन सम्राट अनूप जलोटा का। 1200 से ज्यादा भजन, देश-दुनिया के 300 शहरों में 5 हजार से   ज्यादा स्टेज शोज और 200 से ज्यादा भजन और गजल के अलबम्स को अपनी सुरीली आवाज से सजा चुके मशहूर भजन व गजल सिंगर अनूप जलोटा संडे को एक म्यूजिकल कंसर्ट में शिरकत करने सिटी पहुंचे हुए थे। इस मौके पर उन्होंने आई नेक्स्ट से की खास बातचीत। इसमें उन्होंने अपने बचपन से लेकर अपने कॅरियर तक की बातें आई नेक्स्ट के साथ शेयर की। आइए जानते हैं क्या कहा इस भजन सम्राट ने।

याद आती हैं वो गलियां
मेरा जन्म उत्तराखंड के नैनीताल में हुआ, जो पहले यूपी का ही पार्ट था। मेरे पिता पुरुषोत्तम दास जलोटा भी संगीत से जुड़े हुए थे। वह बहुत बड़े भजन सिंगर थे। मैंने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता पुरुषोत्तम दास जी से ली। वह मेरे पिता और गुरु दोनों थे। मैंने संगीत की शिक्षा लखनऊ स्थित भातखंडे संगीत महाविद्यालय से ली। लखनऊ में छात्र जीवन का बिताया हुआ टाइम बहुत ही मजेदार था। आज भी लखनऊ मेरे दिल के कोने में बसा हुआ है। मैं जब संगीत सीख रहा था, उसी समय से मैं स्टेज शो करने लगा था। उस समय मैं किशोर कुमार के गानों के साथ ही भजन भी गाता था।

मनोज कुमार ने दिया break
हर कलाकार की तरह मैंने भी एक समय के बाद मुंबई का रुख किया। वहां पहले आकाशवाणी से जुड़ा। इस दौरान स्टेज शो भी करता रहा। ऐसे ही एक शो के दौरान मनोज कुमार जी ने मेरा गाना सुना और उन्हें बहुत अच्छा लगा। उन्होंने मुझे शिरडी के साईं बाबा में सिंगिंग का ऑफर दिया। मैंने उसमें गाया, उसके बाद बहुत सारी फिल्मों के मुझे ऑफर्स मिले। उनमें से मैंने कुछ सेलेक्टेड फिल्मों में ही गाया। मेरे गाए गाने सुपरहिट भी रहे।

फिल्मों में गाने में मजा नहीं
स्टेज पर लाइव गाने में जो आनंद आता है, वह आनंद फिल्मों के लिए स्टूडियो
में गाने में नहीं आता है। हालांकि, फिल्मों में म्यूजिक देने में मुझे अच्छा लगता
है। मैंने बहुत सी फिल्मों में म्यूजिक दिया है। मैंने कुछ फिल्में प्रोड्यूस भी की हैं, लेकिन अपनी फिल्मों में मैंने खुद कोई गाना नहीं गाया, बल्कि मैंने दूसरे फेमस सिंगर से गाना गवाया।

यह ईश्वर से मिलने जैसा है
मुझे बचपन से ही भजन सुनना और गाना बहुत अच्छा लगता था। इसमें मेरा मन लगता था। मैं मानता हूं कि भजन से प्यारी कोई चीज हो ही नहीं सकती है। इसमें आप भगवान के चरित्र का वर्णन करते हैं।
मैंने सात साल की उम्र से ही भजन गाना शुरू कर दिया था। इसके बाद स्कूल और कॉलेज में मेरे भजन के स्टेज शोज होने लगे। मेरे गाए गए भजन लोगों को अच्छे लगने लगे। वहां से भजन गाने का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह भगवान की कृपा से आज तक जारी है। उम्मीद करता हूं कि आगे भी भगवान का ऐसा ही आशीर्वाद मुझपर बना रहेगा और मैं भजन गाता रहूंगा।

गजल मेरा दूसरा प्यार है
मैं भजन के साथ ही गजल भी गाता हूं। लखनऊ के दिनों से ही मैंने गजल गाना शुरू कर दिया था। लखनऊ में मैं अपने पिता के साथ ही बेगम अख्तर, गुलाम अली, मेहंदी हसन और तलत महमूद को सुनता था। इन लोगों की गजल गायिकी से मैंने बहुत कुछ सीखा। मैं सौभाग्यशाली रहा कि बाद में मैंने इनमें से गुलाम अली, मेहंदी हसन और तलत महमूद के साथ स्टेज शो किया। गजल सांसारिक है और भजन स्पिरिचुअल।
आज की जो यंग जेनरेशन है, वह भी भजन को बहुत आस्था के साथ सुनती है। उनके मन में ईश्वर के प्रति विश्वास बहुत है। हमारे स्टेज शो में बड़ी संख्या में यंग क्राउड भी आती है। इसलिए, जो लोग सोचते हैं
कि आज की जो यंग जेनरेशन पॉप और डिस्को की तरफ भाग रही है, वह भजन नहीं सुनती, उन्हें हमारे प्रोग्राम में आकर देखना चाहिए।

Posted By: Inextlive