Farhan Akhtar thinks anyone from the lower middle class can afford to visit Spain. We think he needs a quick education on certain harsh realities.


फरहान अख्तर इस वक्त काफी खुश हैं. इसी खुशी के मूड में उन्होंने बात की दिल चाहता है से फिल्म जिंदगी ना मिलेगी दोबारा से कम्पेरिजन के बारे में और बताया जोया अख्तर को क्यों बेहतर डायरेक्टर के तौर पर जज किया जा रहा है...

दिल चाहता है एक कल्ट थी. बहुत से लोगों का कहना है कि जिंदगी ना मिलेगी दोबारा इससे मैच नहीं कर सकती  क्योंकि फिल्म उतनी रियलिस्टिक नहीं है. आप इस पर कैसे रिएक्ट करेंगे?

मैं कहूंगा जिंदगी ना मिलेगी दोबारा में कैरेक्टर्स काफी नेचुरल हैं. दिल चाहता है के किरदारों की पर्सनालिटी और इस फिल्म में काफी अंतर है क्योंकि वे कई इश्यूज को डील कर रहे हैं. मैं दिल चाहता है से कम्पेरिजंस को समझ सकता हूं लेकिन आखिरकार हर फिल्म में कुछ अलग होता है और मुझे लगता है जिंदगी... ने अपनी थीम के साथ पूरा जस्टिस किया है.

लेकिन हर कोई स्पेन की ट्रिप तो अफोर्ड नहीं कर सकता और न ही उम्मीद कर सकता है कि उनकी जिंदगी की प्रॉब्लम्स इस प्रॉसेस में सॉल्व हो जाएंगी...

अगर आप ऐसा कह रहे हैं कि फिल्म में सारे कैरेक्टर्स काफी अमीर थे, ये सच नहीं है. मेरे कैरेक्टर्स एक मिडिल-क्लास फैमिली से थे और लोअर-मिडिल क्लास का भी कोई बंदा स्पेन की ट्रिप अफोर्ड कर सकता है.

अरे वाह. हमें लगा उनके लिए गोआ सबसे बेहतर है. फिल्म में हर कोई उतना प्रिटी और परफेक्ट है जबकि डीसीएच में ऐसा नहीं था. आपको नहीं लगता कि हमारे फ्लॉज ही होते हैं जो हमें डिफाइन भी करते हैं?

लोगों ने जिंदगी ना मिलेगी दोबारा के कैरेक्टर्स से खुद को कनेक्ट किया है. कोई भी परफेक्ट नहीं होता और हर किसी के पास प्रॉब्लम्स होती हैं. आपको इससे अगर कोई उबार सकता है तो वह आप और आपके दोस्त ही हैं. जहां तक अच्छे-दिखने का सवाल है, मुझे लगता है कि डीसीएच में आमिर खान और बाकी के लोग काफी गुड-लुकिंग हैं. इसलिए आप ये नहीं कह सकते हैं.

क्या आपकी छोटी बहन जोया से कम्पेरिजन से आप परेशान होते हैं? बहुत से लोग कहते हैं कि वह आपसे बेहतर डायरेक्टर हैं...


मैं जोया के लिए इससे ज्यादा खुश नहीं हो सकता था और मुझे लगता है कि उसने बढिय़ा फिल्म बनाई है. हर कोई चाहे वह मैं हूं या रितेश (सिधवानी) या रितिक सब उसके लिए अच्छा चाहते हैं. जहां तक कौन किससे बेहतर है, ये नहीं कहा जा सकता. मैं बैठकर इन कम्पेरिजंस में नहीं पड़ता. हम सब यहां अच्छा काम करने के लिए हैं. कुछ फिल्में बढिय़ा चल जाती हैं, कुछ नहीं चल पातीं.

आपने बतौर एक्टर और बतौर डायरेक्टर दोनों में बराबर सक्सेस अचीव की है, आप किसे प्रिफर करना चाहेंगे?

वेल ये तो मेरी वक्त-वक्त की प्रॉयोरिटीज पर डिपेंड करता है, अब जिंदगी ना मिलेगी दोबारा पूरी हो चुकी, मैं अपनी सारी एनर्जी डॉन 2 को दे रहा हूं. इसलिए इस वक्त मैं एक एक्टर नहीं हूं क्योंकि जब मैं किसी प्रोजेक्ट का हेड हूं तो मेरी जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं.

Reality check


1.स्पेन के सबसे सस्ते टिकट की कीमत है करीब 30, 000 रुपए से लेकर 55, 000 रुपए.


2. इंडिया में एक लोअर मिडिल क्लास फैमिली की एनुअल इनकम है करीब 1,08, 000 रुपए से लेकर 2,40,000 रुपए.


3.इसका मतलब चार लोगों की एक फैमिली को सिर्फ स्पेन तक जाने और वापस आने में करीब एक साल की सैलरी लग जाएगी, जबकि बाकी खर्चे जोड़े नहीं गए हैं.

Posted By: Garima Shukla