डेलावेयर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला अमेरिकी कंपनी कूपर टायर से जीता केस


अपोलो का बयान   घरेलू टायर कंपनी अपोलो ने 2.5 अरब डॉलर के विलय समझौते के मामले में अमेरिकी कंपनी कूपर टायर के खिलाफ मुकदमा जीत लिया है. डेलावेयर सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय कंपनी के पक्ष में फैसला दिया है. अपोलो टायर्स ने एक बयान में कहा कि कूपर की अपील खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि इस याचिका को अदूरदर्शिता के चलते स्वीकार किया गया था. इस फैसले से कंपनी खुश है. कर्मचारी होगें प्रभावित अपोलो ने इसी साल जून में कूपर टायर एंड रबर कंपनी के अधिग्रहण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. अमेरिकी कंपनी इस अधिग्रहण सौदे को जल्द लागू कराना चाहती थी. अक्टूबर में कूपर ने डेलावेयर कोर्ट ऑफ चांसरी में दर्ज कराई गई शिकायत में कहा था कि भारतीय कंपनी अधिग्रहण पूरा करने में देरी कर रही है. इससे कंपनी के फिनडले, ओहायो और अरकंसास स्थित प्लांट के कर्मचारी प्रभावित होंगे.
शेयर होलडर्स को फायदा


चांसरी कोर्ट ने इस मामले में अपने अंतरिम फैसले में कहा था कि दोनों कंपनियां समय पर यह सौदा पूरा करें. समझौते में सौदा पूरा करने की तारीख 31 दिसंबर, 2013 तय की गई थी. मगर कूपर ने अदालत के इस फैसले को चुनौती देते हुए 12 नवंबर को डेलावेयर सुप्रीम कोर्ट से अधिग्रहण जल्द पूरा कराने की अपील की थी. अपोलो ने कूपर के इस दावे को खारिज करते हुए अमेरिकी फर्म के चीनी परिचालन में सामने आ रही दिक्कतों और श्रम संगठनों को दी जा रही छूटों के बदले सौदे की 2.5 अरब डॉलर की रकम में कमी की मांग की थी. अपोलो ने कहा कि कूपर के कानूनी विवाद का रास्ता अख्तियार करने से उसे कोई लाभ नहीं हुआ. इससे केवल अपोलो और इसके शेयरधारकों का खर्च बढ़ा है. अपोलो के मुकदमा जीतने की खबर के बाद मुंबई शेयर बाजार में कंपनी का शेयर दो फीसद की तेजी के साथ बंद हुआ.Hindi news from Business news desk, inextlive

Posted By: Subhesh Sharma