नाशिक में कुंभ में तमाम अखाड़े स्नान में हिस्सा ले रहे हैं। कुंभ में 13 अखाड़े हिस्सा लेते हैं।


हाल ही में अखाड़ों के महामंडलेश्वर से जुड़े दो विवाद सामने आए। पहला मामला विवादों में घिरी राधे मां का है जिन्हें जूना अखाड़े ने महामंडलेश्वर नियुक्त किया था। दहेज प्रताड़ना के मामले में उनका नाम आने के बाद उनका यह पद विवाद में आया।दूसरा मामला सचिन दत्ता का है जिनके बारे में बताया गया कि वह ग़ाज़ियाबाद में कथित तौर पर बीयर बार चलाने और ज़मीन की ख़रीद-फ़रोख़्त का कारोबार करते हैं। सचिन दत्ता को पहले महामंडलेश्वर बनाया गया था लेकिन बाद में इस फ़ैसले को रद्द कर दिया गया।पढ़िए कि आख़िर महामंडलेश्वर कैसे बनाए जाते हैं।महामंडलेश्वर के काम –1- सनातन धर्म का प्रचार देश के कोने कोने में करना2- अपने ज्ञान का प्रकाश फैलाना3- भटके लोगों को मानवता की सही राह दिखानाकुंभ में शामिल अखाड़े


कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य ने आठवीं सदी में 13 अखाड़े बनाए थे. आज तक वही अखाड़े बने हुए हैं।

बाकी कुंभ मेलों में सभी अखाड़े एक साथ स्नान करते है लेकिन नाशिक के कुंभ में वैष्णव अखाड़े नाशिक में और शैव अखाड़े त्र्यंबकेश्वर में स्नान करते हैं। यह व्यवस्था पेशवा के दौर में कायम की गई जो सन् 1772 से चली आ रही है।1. निर्मोही अनी अखाड़ा (नाशिक)2. निर्वाणी अनी अखाड़ा (नाशिक)3. दिगंबर अनी अखाड़ा (नाशिक)11. बडा उदासिन अखाड़ा निर्वाण (त्र्यंबकेश्वर)12. नया उदासीन अखाड़ा निर्वाण (त्र्यंबकेश्वर)13. निर्मल अखाड़ा (त्र्यंबकेश्वर)

Posted By: Satyendra Kumar Singh