विदेशी कंपनियों का जासूस आपके और हमारे घरों में घुस चुका है और किसी को खबर तक नहीं.

सतर्कता से ही बच सकती है डाटा चोरी
pankaj.awasthi@inext.co.in
LUCKNOW :
विदेशी कंपनियों का जासूस आपके और हमारे घरों में घुस चुका है और किसी को खबर तक नहीं। जी हां, चौंकिये मत। दरअसल, हमारी और आपकी जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा स्मार्ट फोन ही अब हमारी पर्सनल जानकारी को दूसरों तक पहुंचाने में मददगार साबित हो रहा है। यूजर्स की सुविधा के लिये बनाई गई एंड्रॉयड एप के जरिए हमारा डाटा उनके सर्वर तक पहुंच रहा है, इसके बाद वह कंपनियां इसका यूज किस तरह करेंगी यह उनकी मर्जी पर निर्भर है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय भी इस पर चिंता जाहिर कर चुका है लेकिन, इन पर रोक लगा पाना अब तक संभव नहीं हो सका है।

मामूली चूक से होता है कंपनियों को फायदा
साइबर क्राइम सेल के नोडल ऑफिसर अभय कुमार मिश्र ने बताया कि स्मार्ट फोन अपने फीचर्स के साथ ही उस पर डाउनलोड की गई एप के जरिए यूजफुल बनता है। हालांकि, एप्स के चयन में लापरवाही यूजर्स को भारी पड़ती है। दरअसल, आमतौर पर यूजर्स एप्स डाउनलोड और इंस्टॉल करने के बाद सभी एप्स यूजर्स से कॉन्टैक्ट, एसएमएस व अन्य डिटेल को एक्सेस करने की परमीशन मांगती हैं। यूजर्स लापरवाही में बिना कुछ सोचे-विचारे ओके ऑप्शन पर क्लिक कर देते हैं। ऐसे में उस एप के सर्वर की पहुंच यूजर की तमाम पर्सनल डिटेल तक हो जाती है। यानि आसान भाषा में कहें तो यूजर की सारी पर्सनल डिटेल एप के सर्वर में रिकॉर्ड हो जाती है। इसके बाद वह कंपनी उस डिटेल का किस तरह से यूज करेगी यह उसी पर निर्भर है और इसका किसी सरकारी एजेंसी पर कोई भी नियंत्रण नहीं रहता।

कई एप पर डाटा चोरी के आरोप
यूजर की लापरवाही से उसका डाटा कंपनियों के पास पहुंचने की बात एक तरफ है, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसी भी एप हैं जिन पर बिना किसी परमीशन ही डाटा चोरी के आरोप लग चुके हैं। चीन की बहुचर्चित कंपनी अलीबाबा का इंटरनेट ब्राउजर 'यूसी ब्राउजर' पर भारतीय यूजर्स का डाटा चोरी करने के आरोप लगे। ऐसी भी शिकायतें मिलीं कि अगर कोई यूजर इस ब्राउजर को अपने मोबाइल फोन से अनइंस्टॉल भी कर देता है तो भी फोन के डीएनएस पर इसका कंट्रोल रहता है और इसके जरिए जानकारी चीन स्थित सर्वर पर पहुंचती है। यही वजह है कि पिछले साल अगस्त महीने में केंद्रीय आईटी डिपार्टमेंट ने यूसी ब्राउजर पर जांच बिठा दी थी। इसके अलावा ट्रू कॉलर, शेयर इट, क्लीन मास्टर 360, कई एप लॉक्स पर यूजर्स का डाटा चोरी करने का आरोप लग चुका है। कई सोशल साइट्स पर भी यूजर्स का डाटा चोरी करने और उनका गलत इस्तेमाल के आरोप लग चुके हैं।

प्ले स्टोर से हट चुका है यूसी ब्राउजर
डाटा चोरी करने के आरोप के चलते गूगल प्ले स्टोर से यूसी ब्राउजर को हटा लिया गया था। हालांकि, तब तक भारत में ही इसके पांच करोड़ से ज्यादा डाउनलोड हो चुके थे। आईबी ने भी इसके व इसकी जैसी समेत कुल 42 एॅप्स पर डाटा चोरी करने का शक जताया था। गौरतलब है कि इन सभी एॅप्स के सर्वर चीन में ही मौजूद हैं। आईबी ने सभी सेना के अधिकारियों व जवानों को इन एॅप्स को अपने फोन से अनइंस्टॉल करने को कहा था।

बरतें सावधानी
यूपी एसटीएफ में एडिशनल एसपी डॉ। त्रिवेणी सिंह ने बताया कि स्मार्ट फोन रखने के साथ ही यूजर्स को खुद भी स्मार्ट बनना होगा। उन्होंने बताया कि सिर्फ जरूरत की एप्स को ही डाउनलोड करना चाहिये साथ ही इंस्टॉल करने के दौरान अपनी डिटेल को एक्सेस करने की परमीशन देने में सावधानी बरतनी चाहिये। वहीं, सोशल साइट्स पर भी अपने पर्सनल डिटेल डालने से बचना चाहिये। अपने किसी भी डाटा के गलत इस्तेमाल की भनक लगने पर पुलिस में तुरंत शिकायत करनी चाहिये।

Posted By: Inextlive