>RANCHI: यदि आप किसी को मकान किराए पर दे रहे हैं, तो यह जरूर वेरीफाई कर लें कि आपका किराएदार चोर या लुटेरा तो नहीं है? क्योंकि पंडरा पुलिस ने एक किराएदार को डकैती कांड को अंजाम देने के आरोप में पकड़ा है। पुलिस ने उसके पास से लूट के जेवरात समेत अन्य सामान भी बरामद किया है। गिरफ्तार बलविंदर सिंह उर्फ बिट्टू सिंह सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के मधुकम शास्त्री चौक कमल भूषण के घर के पीछे पूनम तिर्की के यहां किराए पर रहता था। उसका मूल घर पतरातू है और उसके पिता राजू सिंह पेशे से ट्रक ड्राइवर हैं। पुलिस ने डकैती कांड में न्यू मधुकम खेत मुहल्ला भीम प्रभाकर के घर पास रहनेवाले विष्णु कुमार वर्मा व जमीन व्यवसायी स्व रामाधार सिंह के दूसरे पुत्र रोहित सिंह को भी गिरफ्तार किया है।

ऐसे पकड़ाए डकैती के तीनों आरोपी

सिटी एसपी जया रॉय ने बताया कि तीनों अपराधी स्कूटी जेएच-0बीएम-ब्फ्ख्फ् पर सवार होकर जा रहे थे। ट्रिपल लोड के कारण पुलिस ने उन्हें रोका। चेकिंग अभियान के दौरान जब तीनों की तलाशी ली गई, तो रोहित सिंह की पॉकेट से सोने का नेकलेस, सोने की नथिया, सोने की कनबाली एक जोड़ा, सोने की टॉप्स दो जोड़ा, चांदी की हंसुली, एक पीस सोने की चेन बरामद की गई है। वहीं, पुलिस ने बलविंदर की पॉकेट से 8 ग्राम सोने का सिक्का, सोने का मंगटीका, सोने का झुमका, सोने का लॉकेट, सोने की सूप, अंगूठी भी बरामद किया है। विष्णु कुमार के पास से पुलिस ने काले रंग के धागे का मंगलसूत्र, सोने का कंगन, चांदी का सिक्का, सोने की नथिया आदि बरामद किया है।

गुरुवार की रात दिया था घटना को अंजाम

गौरतलब हो कि गुरुवार की रात सात नकाबपोश अपराधियों ने पंडरा ओपी के पांडेयनगर में रहनेवाले पीएफ ऑफिस के क्लर्क अरविंद कुमार के घर में डाका डाला था। लुटेरों ने घर के सभी सदस्यों को रिवॉल्वर के बल पर कब्जे में कर लिया और कमरे में बंद कर दिया। इसी बीच अपराधियों ने अलमीरा खुलवाया और उसमें रखे ढाई लाख के जेवरात और नकद राशि लेकर आराम से चलते बने थे। अरविंद कुमार के विरोध करने पर उन्हें रिवॉल्वर के बट से सिर पर दे मारा था।

झमेले से बचना है, तो कराएं किराएदार का वेरीफिकेशन

बिना जांच पड़ताल के घर किराए पर दिया तो मुसीबत में फंस सकते हैं। किराएदार ने शहर में किसी घटना को अंजाम दिया हो, तो पुलिस आपके पीछे पड़ जाएगी। झमेले से बचना है तो घर किराए पर देने से पहले किराएदार का वेरीफिकेशन जरूर करवाएं। सिटी एसपी जया रॉय ने सिटी के उन इलाकों में विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है, जहां किराएदारों की संख्या बहुत ज्यादा है। किराएदारों का रिकॉर्ड संबंधित थानों में भी रखी जाएगी।

कैसे दें लोगों को किराया का घर

- किराया देने से पहले यह वेरीफाई करें कि किराएदार कहां रहता था और काम क्या करता है। उसका पारिवारिक बैकग्राउंड कैसा है।

- यदि किराएदार के पास वोटर आई कार्ड, आधार कार्ड है तो उसे अपने पास जरूर रखे लें। उसके घर का नाम, पता, पिता का नाम भी जरूरी होना चाहिए।

- किराएदारों का एक साल तक एग्रीमेंट करें। उसकी गतिविधियों पर नजर जरूर रखें।

- किराया पर कमरा देने से पहले उसके गारंटर का होना भी जरूरी है

- आप जिस एरिया में रह रहे हैं, उसकी सूची संबंधित थाने को जरूर दें, ताकि आपको झमेले से बचाया जा सके।

फ्लैशबैक

छत्तीसगढ़ में लूटा और रांची में रहता था छिपकर

लोहरदगा पुलिस ने ख्0 जून, ख्0क्ब् को एक ऐसे अंतरराज्यीय अपराधकर्मी मुकेश कुमार दर्शन उर्फ राजेश दर्शन को गिरफ्तार किया था, जिसने मार्च ख्0क्फ् में छत्तीसगढ़ में एसबीआई की ग्रामीण शाखा से एक लाख 9फ् हजार रुपए लूटे थे। इस कांड के बादं मुकेश कुछ साथियों के साथ झारखंड आ गया था। यहां उसने कुछ दिनों तक रातू थाना क्षेत्र के कमड़े में संजय सिंह का बोरिंग ट्रक चलाया और पिस्कामोड़ में किराए के मकान में रहने लगा था। लोगों को धूल झोंकने के लिए वह अलग-अलग काम करता था। मुकेश रांची में अपनी दो पत्‍ि‌नयों रीतू जायसवाल और पिंकी जायसवाल के साथ रहता था।

था गया का, रहता था हिंदपीढ़ी में किराए पर

छह जून, ख्0क्ब् को लोअर बाजार थाना पुलिस ने तार काट कर चोरी के आरोप में मो रशीद अंसारी को गिरफ्तार किया था। मो रशीद मूल रूप से बिहार के गया जिले का रहनेवाला है, रांची में वह हिंदपीढ़ी में परवेज के घर पर किराएदार के रूप में रहता था। उसने अपनी पहचान लेबर के रूप में दी थी। वह चोरी के तार को कबाड़ी मार्केट में बेचा करता था, इसके बदले उसे अच्छी राशि मिलती थी।

हर साल घटता-बढ़ता है प्रतिशत

ख्0क्0: रांची के विभिन्न थाना एरिया से पुलिस ने कई नामी गिरामी नक्सलियों को गिरफ्तार किया था। जो रांची में खुद को प्रॉपर्टी डीलर या बिल्डर बताकर किराए के मकान में रहते थे। इस वर्ष किराएदारों द्वारा घटनाओं को अंजाम देने का प्रतिशत क्0 था।

ख्0क्क्: वर्ष ख्0क्क् में यह आंकड़ा बढ़ कर क्भ् प्रतिशत हो गया था। इनमें से कई चोर और लुटेरे पकड़े गए जो खुद को ड्राइवर, पेंटर या सेल्समैन बताकर किराए पर मकान लिए और लूटकांड समेत चोरी की कई घटनाओं को अंजाम दिया।

ख्0क्ख्: वर्ष ख्0क्ख् में यह आंकड़ा थोड़ी कम हुई, क्योंकि इस साल रांची पुलिस के तत्कालीन एसपी ने किराएदारों का वेरीफिकेशन कराया तो अधिकतर लोग रांची छोड़ चुके थे। इस साल का प्रतिशत फ् था।

ख्0क्फ्: वर्ष ख्0क्फ् में आंकड़ा एक बार फिर बढ़ गया। जेल भेजे गए अपराधियों के खिलाफ कोई गवाह नहीं मिलने के कारण वे छूट गए और जिस एरिया में रहते थे, उसे भुला दिया गया। क्योंकि ऐसे आरोपियों की जब मीडिया ट्रायल की गई तो उनके मुंह में गमछे बंधे थे। इससे आमलोगों में चोरों की पहचान नहीं हो सकी थी। इस बार चोरी और लूट की वारदात में बेतहाशा वृद्धि हुई, इस वर्ष प्रतिशत क्म् तक पहुंच गया था।

ख्0क्ब्: वर्ष ख्0क्ब् में आंकड़ा एक बार फिर मध्यम रहा। क्योंकि फिर से पुलिस किराएदारों का वेरीफिकेशन कराने लगी। खुद मकान मालिक अपने-अपने किराएदारों की जानकारी थानों में पहुंचाने लगे। जो संदिग्ध थे, उनसे मकान खाली करवाया गया। इस साल प्रतिशत दो रहा।

(नोट: रांची पुलिस की दर्ज रिपोर्ट पर आधारित)

ऑफिशियल स्टैंड

रांची के लोग अपने-अपने किराएदारों का पुलिस वेरीफिकेशन कराएं। काफी लोग बाहर से आकर यहां रह रहे हैं, जो संदिग्ध हो सकते हैं। मकान मालिकों को अपने स्तर से सावधानी बरतने और किराएदार की पूरी जानकारी संबंधित थाने में उपलब्ध कराएं और उनका वेरिफिकेशन कराएं।

-जया रॉय, सिटी एसपी, रांची

Posted By: Inextlive