खरीफ की फसल के आते ही प्‍याज के दाम आधे हो गए हैं। देश की सबसे बड़ी मंडी लासलगांव में एक दिंसबर की तुलना में सोमवार को प्‍याज के थोक मूल्‍य में 50 प्रतिशत तक की कमी आई है। बाजार में खरीफ की फसल के आजाने से प्‍याज के दाम आधे हो गए हैं। महाराष्‍ट्र के नासिक स्‍िथत लासलगांव में सोमवार 21 दिसंबर को प्‍याज 10.60 रूपये प्रति किलो मिल रहा था जबिक 1 दिसंबर को प्‍याज की कीमत 19 रूपये प्रति किलो थी। जुलाई से नवंबर के बीच प्‍याज की कीमत आसमान छू रही थी। किसानों ने अधिक लाभ कमाने के लिए फसल का रकबा बड़ा दिया। जिसका असर यह हुआ कि दिसंबर माह में जहां 12 हजार छह सौ कुंतल प्‍याज मंडी में पहुंचा वहीं सोमवार को इसकी मात्रा बड़ कर बीस हजार कुतंल पर पहुंच गई।


सरकार ने गिराए दाम केन्द्र सरकार ने प्याज की बड़ती पैदावार को देखते हुए मिनिमम सपॉर्ट प्राइस को 46 हजार रूपये प्रति टन से घटा कर 26 हजार रूपये प्रति टन कर दिया। सरकार की मंशा प्याज के निर्यात को बड़ावा देने के साथ्ा ही प्याज की घरेलू कीमतो पर दबाव पड़ने से रोकना है। लासल गांव एपीएमसी के चेयरमैन नानासाहब पाटिल ने बताया कि लगातार दूसरे साल राज्य में सूखे के गंभीर हालात पैदा हो गए। ऐसे में किसान को कमाई की कोई उम्मीद नहीं नजर आरही थी। ऐसे में उन्हें खरीफ फस्ल से अच्छी कमाई करनी होगी। आसमान पर थी कीमतें  जुलाई से नवंबर के बीच प्याज की खुदरा कीमते आसमान छू रही थी। जिसके चलते प्याज 90 रूपये प्रति किलो के हिसाब से बिका जो इस साल रेकॉर्ड
रहा। छंदवाड़ा के एक किसान ने कहा कि पिछले साल मोदी सरकार ने कीमतों को चढने से रोक लिया था । हमे लगा कि पिछले साल की तरह इस साल भी दाम नहीं बड़ेगे इसिलए सारे स्टाक शुरुआत में ही बेंच डाले। लंबे समय तक प्याज को स्टोर करने से वह सड़ जाता है जिससे घाटा उठाना पड़ता है।

Posted By: Prabha Punj Mishra