Varanasi:बनारस उत्सव के तीसरे दिन शनिवार को साहित्य संगीत व कला के समन्वय का बेहतर प्रयास निखर कर सामने आया. जहां एक ओर हस्तकला प्रदर्शनी का आयोजन हुआ तो दूसरी ओर लेखकों पत्रकारों और कला मर्मज्ञों ने विभिन्न सामाजिक विषयों पर अपना गहरा चिंतन भी प्रस्तुत किया.


प्रदर्शनी में बनारसी हस्तशिल्पसनबीम स्कूल वरुणा में बनारस व आसपास के कारीगरों, बुनकरों व हस्तशिल्प के कलाकारों की बनायी कलाकृतियों की एक प्रदर्शनी का आयोजन हुआ। प्रदर्शनी में मेटल रिपोसी, गुलाबी मीनाकारी, लकड़ी के खिलौने, जरदोजी, आरी, ग्लास बीड्स व बनारसी साडिय़ों को प्रदर्शित किया गया था। सिर्फ इतना ही नहीं कारीगरों द्वारा इन चीजों के बनाने की प्रक्रिया का भी प्रदर्शन किया जा रहा था। इसके पूर्व प्रदर्शनी का उद्घाटन दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री मनोज राय व फेमस ज्वेलरी डिजाइनर पल्लवी हुडेजा फौली ने किया। ज्वेलरी डिजाइनर पल्लवी हुडेजा ने इंडिया में ज्वेलरी डिजाइनिंग की फील्ड में चुनौतियों और संभावनाओं पर अपने विचार रखे। गेस्ट्स का वेलकम दीपक मधोक ने तथा संचालन गौरव कपूर ने किया। मीडिया के लिए भी हो आचार संहिता
 मीडिया का क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है लेकिन इसी के साथ इसकी जिम्मेदारियां भी बढ़ रही हैैं। मीडिया निरंकुश न हो। इसलिए उसे भी आचार संहिता के दायरे में बंध कर काम करना होगा। नहीं तो मीडिया का एक दूसरा ही चेहरा हमारे सामने होगा। जो किसी भी तरह से हमारी सोसाइटी व हमारे देश के लिए ठीक नहीं होगा। ये बातें बनारस उत्सव के अंर्तगत 'प्रिंट, इलेक्ट्रानिक, सोशल व इंटरनेट मीडिया एवं एथिक्स' विषय पर आयोजित सीनियर जर्नलिस्ट्स के एक पैनल डिस्कशन में सामने आयीं। पैनल डिस्कशन में सीनियर जर्नलिस्ट दिलीप चेरियन, ज्योत्सना भटनागर, संकर्षन ठाकुर, सुभाषिनी हैदर शामिल थीं.  डिस्कशन का संचालन दैनिक जागरण के सीनियर न्यूज एडिटर आशुतोष शुक्ला ने किया। इसके पूर्व डिस्कशन का इनॉगरेशन मेयर रामगोपाल मोहले ने किया। गु्रप डिस्कशन के दौरान अशोक गुप्ता, तरुण कांति बसु, धर्मेंद्र सिंह, डॉ। नागेंद्र पाठक, अजय राय आदि उपस्थित थे। इसके बाद फेमस जर्नलिस्ट व एक्स पार्लियामेंटेरियन एमजे अकबर ने भारत के स्कूलों में धर्म विषय पर लेक्चर दिया। उन्होंने लोगों के सवालों का जवाब देकर उनकी जिज्ञासा भी शांत की। कवि गोष्ठी भी हुईबनारस उत्सव के अंर्तगत कवि गोष्ठी का भी आयोजन हुआ। गोष्ठी में हिन्दी के वरिष्ठ कवि केदारनाथ सिंह, अशोक बाजपेयी, ज्ञानेन्द्रपति एवं व्योमेश शुक्ला ने अपनी रचनाएं पेश कीं। उसके बाद हिन्दी कविता पर एक डिस्कशन का भी आयोजन हुआ। शाम को बेसेंट थियोसॉफिकल सोसाइटी में श्रीवत्स गोस्वामी ने संगीत एवं अध्यात्म पर लेक्चर दिया।

Posted By: Inextlive