-मंडलीय हॉस्पिटल के वार्डो में अभी तक नहीं लगा कूलर

-जबरदस्त गर्मी से बीमार संग उनके तीमारदार तक हो रहे बेहाल

सरकारी हॉस्पिटल में इलाज कराने वालों को बीमारी के साथ गर्मी की मार भी झेलनी पड़ रही है। यहां मरीजों को भले ही दवा और उपचार से कुछ राहत मिल जाए, लेकिन उमस और गर्म हवाएं सबसे खराब हालत मंडलीय हॉस्पिटल की है। यहां एडमिट मरीज आग रुपी गर्मी से उबल रहे हैं और हॉस्पिटल प्रबंधन अब भी चैन की नींद ले रहा है। पारा सातवें आसमान पर है बावजूद इसके हास्पिटल प्रबंधन ने वाडरें में कूलर की व्यवस्था तक नहीं की है। जहां लगे भी हैं तो वह चलने की स्थिति में नहीं है। यहीं नहीं वार्ड में लगे पंखे भी जवाब दे गए हैं। जिसके चलते मरीजों को घुटन भरे वातावरण में रहना पड़ रहा है। ऐसी ही हालत डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की भी है। जहां मरीज गर्मी से बेहाल हैं। हालांकि अब हॉस्पिटल प्रबंधन सभी वाडरें में पंखा कूलर दुरस्त कराने की बात कर रहा है।

क्या सो रहा है प्रबंधन

भले ही पारा 42 के पार हो, पर सरकारी हॉस्पिटल में अभी सामान्य मौसम माना जा रहा है। कर्मचारियों की मानें तो जब गर्मी आएगी, तब कूलर-पंखे, वाटर कूलर और एसी खराब मिलेंगे, फिर उनकी मरम्मत के लिए सरकारी कागज चलेंगे और टेंडर होते-होते जून बीत जाएगा। जब तक ये सब ठीक होंगे तब तक इनकी जरूरत खत्म हो जाएगी और हर साल की तरह फिर दावा किया जाएगा कि सभी कूलर, पंखे, एसी ठीक हो गए हैं। सरकारी हॉस्पिटल्स में गर्मियों को लेकर तैयारियों की हर साल की यही समस्या है। लेकिन, इसका अस्पताल अधीक्षकों पर कोई असर नहीं दिख रहा। वाडरें में कूलर तो रखे हैं, लेकिन चलाए नहीं जा रहे। किसी में ब्लेड खराब है तो किसी का मोटर जल चुका है।

कूलर, पंखा सब बदहाल

हॉस्पिटल के वार्डो में लगे सिर्फ कूलर ही नहीं पंखे भी भी जवाब दे गए हैं। फ‌र्स्ट फ्लोर पर बने चिल्ड्रेन वार्ड समेत सभी वार्डो की हालत बेहद खराब है। मरीजों का कहना हैं कि वार्ड के ऊपर कोई रुम न होने के कारण पंखे से निकलने वाली हवा से आग बरस रही है। वहीं ग्राउंड फ्लोर पर लगे पंखों की रफ्तार भी इतनी सुस्त है कि ठीक से हवा भी नहीं लगती। देखरेख सही ढंग से नहीं होने से कुछ वार्ड के पंखे खराब होकर बस लटके भर है।

तो खराब हो रहे पांच लाख के कूलर

बता दें कि पिछले साल मंडलीय हॉस्पिटल प्रबंधन ने 5 लाख रूपए का कूलर डोनेट करवाकर सभी वार्डो में लगवाया गया था। लेकिन इसमें आधे से ज्यादा कूलर खराब हो गए। इसकी सबसे बड़ी वजह इनका ठीक से रख रखाव न होना है। कई ऐसे कूलर हैं जिसका मरीज के अटेंडेंट ने ब्लेड ही तोड़ दिया। अधिकारियों का कहना हैं कि इस सप्ताह तक सभी कूलर दुरुस्त करा दिए जाएंगे। जहां का कूलर बिल्कुल ही खराब है वहां के लिए 10 नए कूलर का ऑर्डर भेजा गया है।

क्या कहते हैं मरीज

दो दिन पहले बच्चे में डायरिया की शिकायत मिलने पर उसे चिल्ड्रेन वार्ड में एडमिट कराया गया था, लेकिन यहां की उमस भरी गर्मी बच्चे को और भी बीमार कर देगी।

शीला देवी, अलईपुर

हम गरीब हैं इसलिए कही सुनवाई नहीं होती। वार्ड में सिर्फ पंखा ही चल रहा है। वो भी इतना धीमा है कि हवा का पता ही नहीं चलता। हम रात भर तड़पते रहते हैं।

राम आसरे, राजघाट

खराब कूलर्स की रिपेयरिंग और जो सही हैं उसे चलाने का निर्देश दे दिया गया है। जल्द से जल्द मरीजों को राहत मिले इसके 10 नए कूलर मंगाए जा रहे हैं।

डॉ। अरविंद सिंह, एमएस, मंडलीय हॉस्पिटल

एक नजर

325 बेड का है मंडलीय हॉस्पिटल

500 से ज्यादा होते हैं तीमारदार

2500 से ज्यादा मरीज ओपीडी में आते हैं डेली

Posted By: Inextlive