-अब गर्भवती महिलाओं को बेहतरीन इलाज के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल का नहीं लगाना पड़ेगा चक्कर

-राजकीय महिला अस्पताल में जल्द ही में बेहतरीन सुविधाओं से लैस हॉस्पिटल की मिलेगी सौगात

अब गर्भवती महिलाओं को बेहतरीन इलाज के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। बस कुछ माह का इंतजार और उसके बाद उन्हें शहर में कम कीमत में बेहतरीन सुविधाओं से लैस हॉस्पिटल की सौगात मिलने वाली है। कबीरचौरा स्थित राजकीय महिला अस्पताल में महिलाओं के लिए बन रहे मेटरनिटी विंग के सुस्त निर्माण कार्य ने रफ्तार पकड़ ली है। पीपीपी मॉडल पर बन रहे 100 बेड वाले इस हॉस्पिटल का निर्मार्ण अगले दो माह में समाप्त हो जाएगा। साइट इंजीनियर की मानें तो 31 अक्टूबर तक इमारत तैयार कर हॉस्पिटल को हैंडओवर कर दिया जाएगा।

कब शुरू हुआ काम?

गर्भवती महिलाओं को राजकीय महिला अस्पताल में भी बेहतरीन स्वास्थ्य सेवा देने के मकसद से यहां साल 2015 में हाई स्पेशलिटी मेटरनिटी विंग बनाने का कार्य शुरू हुआ था। कार्यदाई संस्था पीडब्ल्यूडी द्वारा बनवाये जा रहे इस हॉस्पिटल को तैयार करने के लिए दो साल का समय दिया गया था। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते इसकी डेडलाइन कई बार आगे बढ़ी, फिर भी हॉस्पिटल तैयार नहीं हुआ। अब मंत्रियों और अधिकारियों के दबाव के बाद काम में तेजी आई है।

क्या रही देरी की वजह?

साइट इंजीनियर शारान खान ने बताया कि निर्माण कार्य में देरी के लिए कई वजहें हैं। यह हॉस्पिटल दो पोर्शन में तैयार हो रहा है। निर्माण कार्य शुरू होने से पहले फ्रंट साइड वाले पहले पोर्शन के लिए ही बॉण्ड पर साइन किया गया था। कुछ दिन बाद दूसरे पोर्शन के लिए बॉण्ड साइन हुआ। इसके चलते काफी काम प्रभावित हुआ।

70 फीसदी काम पूरा

अधिकारियों के दबाव के बाद काम में बेहद तेजी आ गई है। इसी का नतीजा है कि 70 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चला है। चार फ्लो के इस इमारत का इस्ट्रक्चर बनकर तैयार है। ग्राउंड से लेकर थर्ड फ्लोर तक टाइल्स लगा दी गई है। अगले माह से इंटीरियर का काम शुरू होना है। जिसे एक से डेढ़ माह में पूरा कर लिया जाएगा।

मशीन से होगा प्लास्टर

इमारत के बाहर की दीवारों का प्लास्टर अभी बाकी है। समय कम होने की वजह से अब दीवारों पर प्लास्टर का काम कारीगर नहीं मशीन करेगी। इसके लिए कार्य करा रही संस्था बैंगलोर से 10 लाख की मशीन मंगा रही है। मशीन की खास बात ये है कि जो कारीगर जो प्लास्टर एक माह में करेंगे, उसे मशीन द्वारा सिर्फ एक सप्ताह में पूरा कर लिया जाएगा।

हॉस्पिटल के निर्माण कार्य में पहले से काफी तेजी आई है। कार्यदाई संस्था ने 31 अक्टूबर तक हैंडओवर करने को कहा है। वैसे यह हॉस्पिटल पीपीपी मॉडल पर बन रहा है। इसलिए इस पर हॉस्पिटल प्रबंधन का बहुत ज्यादा कंट्रोल नहीं है।

आरपी कुशवाहा, राजकीय महिला अस्पताल

Posted By: Inextlive