- पुराने मीटर की जगह स्मार्ट मीटर लगाते समय किया जा रहा खेल

- बिना किसी विभागीय अधिकारी के जारी किया जा रहा सीलिंग सर्टिफिकेट

-98 लाख का बिजली बिल देख उपभोक्ता के उड़े होश, जेएमटी ने पकड़ा झोल।

केस 1

17 अगस्त को स्मार्ट मीटर लगाने के लिए एलएनटी ने केशरीपुर-रोहनिया की जीउत देवी का मीटर सील किया था। सीलिंग सर्टिफिकेट के मुताबिक उस समय मीटर रीडिंग 1411942 थी। जबकि चार सितंबर को जूनियर मीटर टेस्टर (जेएमटी) ने लैब परीक्षण में मीटर रीडिंग महज 19119 पाया।

केस-2

बीते 17 जून को मीटर सीलिंग में एलएनटी ने गोविंदपुर-रोहनिया के गणेश प्रसाद केशरी का मीटर की रीडिंग1610 दर्ज की गई थी। दो सितंबर के परीक्षण में यह 16119 पाया गया।

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यह दो केस यह बताने के लिए काफी है कि बनारस में स्मार्ट मीटर लगाने के सरकार की मंशा पर उनके ही अफसरों की करतूत शंका में डाल रही है। यूपीपीसीएल की ओर से यहां कार्यदाई संस्था ईईएसएल के माध्यम से स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य शुरु कराया गया है। लेकिन मीटर लगाने का काम पूरा होने से पहले इसमें भ्रष्टाचार के मामले आने लगे। कई मामलों में पकड़ी गई अनियमितता बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि यूपीपीसीएल द्वारा कार्यदायी संस्था एनर्जी अफीशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) को शहर में तीन लाख मीटर लगाने का काम दिया गया है। एल एंड टी के माध्यम से शहरी व ग्रामीण आदि क्षेत्रों में पुराने मीटर के स्थान पर स्मार्ट मीटर लगाए भी जा रहे हैं।

ऐसे हुआ है खेल

पहले केस में जहां सीलिंग के समय उपभोक्ता का मीटर रीडिंग वास्तविक रीडिंग से 1392823 अधिक फीड किया गया। वहीं दूसरे केस में वास्तविक रीडिंग से 14509 घटा दिया गया। इसमें एक में लगभग 9749761 रुपये का अधिक बिल बनाकर उपभोक्ताओं को मुसीबत में डाल दिया गया, तो दूसरे में विभाग को लगभग एक लाख रुपये की चपट भी लगा की गई। यह मामले इस बात की ओर इशारा कर रहे है कि स्मार्ट मीटर लगाने में हर इकाई भ्रष्टाचार की जद में है।

क्या कहते है उपभोक्ता

उपभोक्ताओं की माने तो हर जगह भ्रष्टाचार है। पुराना मीटर सील करते समय जिन लोगों ने पैसे दे दिए, उनकी रीडिंग ठीक हो रही या घटाकर की जा रही है। वहीं जिन्होंने पैसे देने से इनकार किया उनकी रीडिंग वास्तविक रीडिंग से काफी अधिक दर्ज की जा रही है। स्मार्ट मीटर लगाने के बाद ईईएसएल को ही आठ वर्ष तक मेंटीनेंस देखना है। ऐसे में अगर अभी यह हालत है तो आने वाले दिनों में क्या होगा यह कहना मुश्किल है। ईईएसएल एल एंड टी के माध्यम से राजातालाब, अवलेशपुर, गंगापुर सहित शिवपुरवा व चौकाघाट क्षेत्र में पुराने मीटर के स्थान पर स्मार्ट मीटर लगा रहा है।

बगैर सिग्नेचर के सीलिंग सर्टिफिकेट

नया मीटर लगाते समय एल एंड टी ही पुराने मीटर का सीलिंग सर्टिफिकेट भी दे रही है। हैरानी की बात ये है कि सीलिंग सर्टिफिकेट पर किसी विभागीय अधिकारी के सिग्नेचर नहीं हैं। एल एंड टी मीटर सील कर लैब में भेज दे रही है। हाल ही में जूनियर मीटर टेस्टर (जेएमटी) द्वारा लैब में रखे कुछ मीटर की जांच में यह चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। सूत्रों के की माने तो लगभग हर मीटर से छेड़छाड़ कर विभाग को करोड़ों रुपये का चूना लगाया गया है।

--वर्जन--

सीलिंग सर्टिफिकेट में दर्ज आंकड़ों और लैब टेस्टिंग में अनियमितता है.सही रिपोर्ट बनाकर डिस्ट्रीब्यूशन को भेजा जा रहा है, ताकि बिल को रिवाइज किया जा सके।

अभिषेक यादव, अधिशासी अभियंता, ग्रामीण (विद्युत परीक्षण खंड वाराणसी)

इस तरह की जो भी शिकायतें आ रही हैं, उनसे संबंधित क्षेत्र में एसडीओ व जेई को अवगत कराया जा रहा है।

पीके सिंह, अधिशासी अभियंता, (शहरी विद्युत परीक्षण खंड वाराणसी-प्रथम)

Posted By: Inextlive