Kanpur: आने वाले समय में कानपुराइट्स के लिए अपने एक छोटे से भी घर का सपना पूरा करना आसान नहीं होगा. क्योंकि केडीए अपनी कई प्रपोज्ड बड़ी हाउसिंग स्कीम्स के जमीन अधिग्र्रहण के प्रपोजल कैंसिल करने की तैयारी में जुटा हुआ है. इस कड़ी में गंगोत्री के बाद रूमा-चकेरी हाउसिंग स्कीम और जरौली हाउसिंग स्कीम फेस-2 के नाम भी जुड़ गए है. जिनके कैंसिलेशन के प्रपोजल आगामी केडीए बोर्ड मीटिंग में लाए जा सकते हैं. पहले से ही स्वर्ण जयन्ती विहार एक्सटेंशन में केडीए को टेंशन मिल गई है. इस तरह केडीए की इन हाउसिंग स्कीम्स में आशियाना बसाने का ख्वाब संजोए करीब एक लाख लोगों को सपना टूटने वाला है.

कई गुना बढ़ा खर्च, बढ़ी मुश्किलें

गंगोत्री, रूमा-चकेरी और जरौली हाउसिंग स्कीम फेस-2 के अर्जन से केडीए के कदम खींचने की मुख्य वजह ऑफिसर नई भूमि अधिग्र्रहण नीति बता रहे है। केडीए ऑफिसर्स का कहना है कि एक तो शहरी एरिया की जमीन अधिग्र्रहण में मुआवजा सर्किल रेट का दो गुना और ग्र्रामीण एरिया में मुआवजा चार गुना है। इसके साथ ही एक बड़ी समस्या जमीन मालिकों की मंजूरी है। वह भी कम से कम 80 परसेंट जमीनों की सहमति होनी चाहिए। जबकि पहले ऐसा नहीं था। मुआवजा सर्किल रेट के बराबर ही दिया जाता था और इमरजेंसी क्लॉज धारा 4(1)/17 और धारा 6(1)/17 का इस्तेमाल कर जबरदस्ती जमीन अर्जित कर ली जाती थी।
लगा ब्रेक
जमीन अधिग्र्रहण कठिन हो जाने का उदाहरण स्वर्ण जयन्ती विहार एक्सटेंशन हाउसिंग स्कीम में देखने को मिला। इस स्कीम के लिए नगवां, सतबरी और सकरापुर की जमीन अधिग्र्रहण की जानी थी। लेकिन काफी प्रयास के बाद भी वे केवल नगवां गॉंव के 80 परसेंट जमीन मालिकों की सहमति प्राप्त कर सके हैैं। वह भी सर्किल रेट से कहीं अधिक, 22 लाख रूपए पर बीघा के रेट पर जमीन मालिक राजी हुए है। लेकिन अन्य दो गॉंवों के लोगों से उन्हें सहमति नहीं मिल सकी है। इसी वजह से स्वर्ण जयन्ती विहार एक्सटेंशन हाउसिंग स्कीम लटकती नजर आ रही है। शायद इन्हीं वजहों से केडीए ने गंगोत्री, रूमा-चकेरी और जरौली जैसी बड़ी-बड़ी प्रपोज्ड हाउसिंग स्कीम्स से किनारा करने में भलाई समझी है।
तो एक लाख को मिल जाता घर

केडीए की आगामी बोर्ड मीटिंग में रूमा-चकेरी, जरौली हाउसिंग स्कीम फेस-2 व गंगोत्री हाउसिंग स्कीम के अर्जन निरस्त करने का प्रपोजल रखे जाने की तैयारी हो चुकी है। अगर बोर्ड ने इन प्रपोजल्स पर मुहर लगा दी तो लाखों लोगों के सपने टूट जाएंगें। केवल गंगोत्री टाउनशिप में ही 50 हजार घर निकलने की उम्मीद थी। लगभग इतने ही रेजीडेंशियल प्लॉट जरौली हाउसिंग स्कीम फेस-2, रूमा- चकेरी और स्वर्ण जयन्ती विहार एक्सटेंशन हाउसिंग स्कीम में निकलने की उम्मीद थी।
न्यू सिटी के फेज में फंसेगा पेंच

रुमा-चकेरी, गंगोत्री और जरौली फेस-2 के हश्र को देखकर केडीए इम्प्लाइज में निराशा छा गई है। उनका मानना है कि करीब 575 हेक्टेयर वाली न्यू सिटी फेस-1 व फेस-2 हाउसिंग स्कीम को जमीन पर ला पाना आसान नहीं होगा। वैसे कल्याणपुर-बिठूर रोड और मैनावती मार्ग से जुड़ी इस स्कीम पर बिल्डर्स व अन्य प्रभावशाली लोगों की पहले से ही नजर है। इसी वजह से केडीए ने यहां न्यू कानपुर सिटी स्कीम बसाने की योजना बनाई थी। उसमें उसे मात मिली थी।  
बिल्डर्स जमकर उठाएंगे फायदा

सिटी में पहले से आवास की जबरदस्त समस्या बनी हुई है। इसका अन्दाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि पिछले साल लांच हुई केडीए की हाइवे सिटी एक्सटेंशन पार्ट-2 के करीब 1300 प्लाट्स के लिए लगभग 16000 लोगों ने फार्म खरीदे थे। ये हाल तब है कि सिटी में घर के सपने को पूरा करने की सबसे अधिक जिम्मेदारी केडीए पर ही है। केडीए की इसी नाकामी का फायदा बिल्डर्स पहले से उठा रहे हैं। वे मनमाने रेट पर फ्लैट बेंच रहे हैं। घर के सपने को पूरा करने के लिए लोग उनकी इस मनमानी को सहने को मजबूर है। गंगोत्री, जरौली फेस-2 व  रूमा-चकेरी जैसी बड़ी हाउसिंग स्कीम से आवास की समस्या कुछ कम हो जाने के आसार थे। लेकिन इन स्कीम के लिए अर्जन निरस्त किए जाने की तैयारियों से ये प्रॉब्लम और भी बढ़ जाएगी। इसका फायदा बिल्डर्स को मिलना भी तय माना जा रहा है। हालांकि केडीए कल्याणपुर-बिठूर रोड, मैनावती मार्ग व जाजमऊ में ग्र्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट ला रहा है। अलकनन्दा के अलावा पनकी गंगा साइड भी हाउसिंग स्कीम लाने की तैयारी कर रहा है। लेकिन ये ग्र्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट और हाउसिंग स्कीम डिमांड के सामने बहुत ही कम साबित होंगे है।
-जमीन अधिग्र्रहण की नई पॉलिसी से बंदिशें बहुत बढ़ गई और खर्च भी बहुत ज्यादा आ रहा है। इसीलिए गंगोत्री, रूमा-चकेरी व जरौली हाउसिंग स्कीम फेस-2 के लिए जमीन अर्जन करना मुश्किल हो गया। इसलिए अर्जन निरस्त करने का बोर्ड में प्रपोजल लाया जाएगा।
- जयश्री भोज, केडीए वीसी

निरस्त हो सकती ये स्कीम
रूमा-चकेरी, जरौली और गंगोत्री हाउसिंग स्कीम
प्रपोज्ड लैंड एरिया एट ए ग्लांस

रूमा- 140.65 हेक्टेयर
चकेरी- 21.115 हेक्टेयर
कुलगांव- 216.011 हेक्टेयर
मवइयां- 24.630 हेक्टेयर
टोटल- 402.011 हेक्टेयर
जरौली- 104.847 हेक्टेयर
गंगोत्री- 2192.59 हेक्टेयर

लटक गया एक्सटेंशन
स्वर्ण जयन्ती विहार एक्सटेंशन- 188 हेक्टेयर

आसान नहीं होगी न्यू सिटी
हाउसिंग स्कीम- अर्जन
न्यू सिटी फेस-1  326.199 हेक्टेयर
न्यू सिटी फेस-2  251.347 हेक्टेयर

उम्मीद की किरण
-जवाहरपुरम फेस-2
-जवाहरपुरम फेस-3
-जवाहपुरम फेस-4
-हाइवे सिटी अहिरवां
-सजारी योजना

नई भूमि अधिग्र्रहण नीति
- ग्र्रामीण एरिया में जमीन के अधिग्र्रहण पर चार गुना और शहरी में मुआवजा दोगुना होगा।
- भूमि अधिग्र्रहण से पहले किसान की मंजूरी लेना जरूरी
-अधिग्र्रहीत भूमि पर 5 वर्षो में काम शुरू न होने पर किसान जमीन वापस ले सकेंगे या फिर स्टेट गवर्नमेंट के लैंड बैंक में जमा होगी।
-अधिग्र्रहण के कारण आजीविका खोने वालों को 12 महीने के लिए पर फैमिली 3 हजार रूपए पर मंथ भत्ता, 50 हजार का पुर्नस्थापना भत्ता, प्रभावित परिवार को ग्र्रामीण क्षेत्र में 150 वर्ग मीटर में और शहरी क्षेत्र में 50 वर्गमीटर में मकान बनाकर दिया जाएगा।
-बंजर जमीन न मिलने पर ही पांच फीसदी बहु फसली खेती वाली जमीन के अधिग्र्रहण का प्राविधान

Posted By: Inextlive