विनेश फोगाट आैर बजरंग पुनिया से बातचीत : बनारस के दाव-पेंच खिलाड़ियों को दिला रहे मेडल
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VARANASI : जकार्ता में हो रहे एशियन गेम्स में कुश्ती में दांव और दम का एहसास कराकर पहलवान मेडल हासिल कर रहे हैं। बजरंग पुनिया के बाद महिला पहलवान विनेश फोगाट ने गोल्ड मेडल हासिल किया। विनेश ने मेडल जीतने के बाद जकार्ता से फोन पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से विशेष बातचीत की। विनेश ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय मेहनत, कोच की टे्रनिंग के साथ ही बनारस के दांव पेंच को भी दिया। उन्होंने कहा कि बनारस के पारंपरिक पहलवान जिन तकनीकियों का इस्तेमाल करते है, उनका भी खूब अभ्यास किया और इसका फायदा उन्हें मिल रहा है।
जमकर बहाया पसीना
नंदिनी नगर में विनेश और बजरंग को ट्रेनिंग मिली। यहीं महाविद्यालय की स्टूडेंट भी हैं। डॉ। रामकृपाल और डॉ। सत्येन्द्र के देखरेख में इनकी पढ़ाई और कुश्ती का अभ्यास हुआ। यूपी कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष और वाराणसी कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह बबलू ने भी उनकी टे्रनिंग में विशेष सहयोग देते रहे हैं। पहलवानों का हौसला बढ़ाने के लिए इस वक्त कुश्ती संघ के अन्य पदाधिकारी भी जकार्ता में मौजूद हैं। विनेश और बजरंग को खास दाव पेंच सिखाने के लिए बनारस के सीनियर पहलवानों को लेकर जाते रहे।
बाबा का करेंगे दर्शन
मेडल विनर विनेश और बजरंग ने बातचीत के दौरान कहा कि बाबा अपनी इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं लेकिन अभी बहुत कुछ हासिल करना है। इसलिए वो पहले से भी ज्यादा मेहनत करेंगे। उन्होंने बनारस आकर बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन के साथ बनारस के अखाड़ों में भी जाने की इच्छा जतायी है। उन्होंने कहा कि अगर मौका मिला तो बनारस के नौैजवान पहलवानों को दाव पेंच भी सिखाना चाहेंगे। वाराणसी कुश्ती संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजीव सिंह रानू का कहना है कि एशियन गेम्स में मेडल हासिल करने वाले इन पहलवानों देश के साथ ही यूपी और बनारस का नाम भी रौशन किया है। उनके बनारस आने से इस खेल से जुड़े खिलाडिय़ों का हौसला बढ़ेगा।