हर हर गंगे...
9 बजे तक पांच लाख
माघ मकर गति रवि जब होई, तीरथ पतिर्हिं आव सब कोई। यानी सूर्य देव जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो माघ मास में तीर्थराज प्रयाग में संगम तट पर सभी आते हैं। इसी सोच और संकल्प के साथ मकर संक्रांति पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं का रेला संगम स्नान करने पहुंचा। ज्यादातर लोग सोमवार की रात तक पहुंच चुके थे। किसी ने माघ मेला कैंप में शरण ली थी तो कुछ लोग अपने रिलेटिव के यहां रुके थे। प्रशासन ने सुबह 9 बजे तक दावा किया था कि करीब पांच लाख रुपए माघ मेला एरिया में स्नान कर चुके हैं.
ज्यादा problem नहीं हुई
माघ मेले में एंट्री के लिए श्रद्धालुओं को ज्यादा पैदल नहीं चलना पड़ा। संगम नोज के अंदर तो गाडिय़ों की एंट्री पर रोक थी लेकिन कुंभ की तरह परेड तक पहुंचने पर मनाही नहीं थी। स्टेशन से सीधे स्नान करने वालों के लिए विक्रम परेड मैदान तक चल रहे थे। जिससे श्रद्धालु आसानी से सीधे संगम नोज तक पहुंच जा रहे थे। हां, शहरियों के लिए थोड़ी प्राब्लम जरूर हुई। क्योंकि बाइक तक को संगम पुलिस चौकी तक ही जाने दिया गया उसके आगे उन्हें भी रोक दिया गया.
कल्पवासियों की भीड़ भी पहुंची
16 जनवरी से पौष पूर्णिमा के साथ ही कल्पवास शुरू हो जाएगा। संगम एरिया में कल्पवासियों के आने का सिलसिला रात से ही शुरू हो गया। माघ मेले में तीर्थ पुरोहित दुर्गा मिश्रा ने बताया कि देश के हर कोने से कल्पवासी यहां पहुंचने लगे हैं। ट्यूजडे को कई लोग शहर में पहुंचे थे। उन्होंने भी मकर संक्रांति के दिन स्नान किया। कुछ लोग इसलिए भी दो दिन पहले आ गए क्योंकि उसके बाद ट्रेन की टिकट मिलना मुश्किल था.
माघ मेले में इस बार मॉब को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को ज्यादा प्राब्लम नहीं हुई। इसके दो कारण थे। पहला कुंभ की तरह इस बार श्रद्धालुओं का रेला नहीं था और दूसरा संगम नोज का फैला एरिया। इस बार गंगा की लहरें बहुत तेज थीं। कटाव दारागंज एरिया की जगह नैनी की तरफ ज्यादा था। इसलिए इस बार किला एरिया से लेकर संगम नोज से काफी दूर तक स्पेस मिल गया। पूरे एरिया की बैरिकेडिंग की गई थी, जिससे श्रद्धालुओं के लिए काफी स्पेस संगम स्नान के लिए मिल गया था। ऐसे में मॉब को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ी।
Security में लगी थीं 22 नावें
गंगा की लहरों में इतना ज्यादा करेंट था कि जल पुलिस को सिक्योरिटी के लिए विशेष इंतजाम करना पड़ा। जल पुलिस ने बताया कि वीआईपी घाट के बाद से गंगा नदी में काफी तेज बहाव है। ऐसे में सिक्योरिटी के लिए हर तरह से बैरिकेडिंग की गई है। बार्डर लाइन बना दिया है। इस लाइन के अंदर ही श्रद्धालुओं को स्नान करने की इजाजत दी गई। कंट्रोल करने के लिए जल पुलिस की 22 नावें लगाई गई जो लाइफ जैकेट के साथ एलर्ट दिखे.
IG-SSP भी लगे रहेसिक्योरिटी के लिए पुलिस ऑफिस भी मुश्तैद दिखे। आईजी एलवी एंटनी देव कुमार और एसएसपी उमेश कुमार श्रीवास्तव मार्निंग से ही माघ मेला
की मॉनिटरिंग करते नजर आए। आईजी के साथ उनकी सर्विलांस टीम थी तो एसएसपी के साथ क्राइम ब्रांच माघ मेले में संदिग्धों की तलाश में जुटी थी। आईजी संगम नोज से लेकर किला घाट तक जा जाकर खुद मॉनिटरिंग करते रहे। वहीं दूसरी ओर माघ मेले में एटीएस और एसटीएफ के कमांडो ने भी मोर्चा संभाल रखा था। कमांडों स्नान करने पहुंच रहे संदिग्धों पर भी नजरें गड़ाए थे और संदिग्ध युवक मिलने पर उससे पूछताछ भी करने में जुटे रहे। इस दौरान आएएफ की स्पेशल टीमें जिसमें महिलाएं भी शामिल रहीं, पैदल मार्च करती नजर आईं। दारागंज के फेमस दुकान जी वाच टावर से श्रद्धालुओं और प्रशासन की मदद करते रहे। इस दौरान माघ मेले में कई एजेंसियां और एनजीओज भी एक्टिव दिए.
Thanks to you crime branch
बलिया के रहने वाले राजेन्द्र अपनी वाइफ और बच्चों के साथ संगम स्नान करने पहुंचे थे। इस दौरान जब वे स्नान कर रहे थे तभी टप्पेबाजों ने उनका पैंट उड़ा दिया। पैंट में 1200 रुपए और अन्य सामान था। पैंट और पैसे गायब होने के बाद उनकी वाइफ रोने लगी। उन्होंने वहां लगे वॉच टावर के पास पहुंचकर जानकारी दी। क्राइम ब्रांच के प्रभारी इंस्पेक्टर मनोज रघुवंशी अपनी टीम के साथ टप्पेबाजों को ट्रेस करने में जुटे थे। थोड़ी ही देर में क्राइम ब्रांच की टीम ने 12 बदमाशों को पकड़ा। जिसमें सीनियर सिटीजन से लेकर यंगस्टर्स भी थे। सभी खुद को पाक साफ बता रहे थे। पुलिस ने उनकी तलाशी ली। जांच के दौरान पुलिस को कई पर्स व पैसे मिले। इस दौरान बलिया के रहने वाले राजेन्द्र ने अपना सामान पहचान लिया। क्राइम ब्रांच ने उनका पर्स और पैसा वापस दिलाया तो उनके बच्चों के कहा थैंक्स टू क्राइम ब्रांच। देर शाम तक क्राइम ब्रांच ने दर्जनों संदिग्धों को पुलिस कस्टडी में लेकर संगम पुलिस स्टेशन भेजा.