जब कोई ग्रह जन्म कुंडली में स्थाई अकारक होता है तब रोग-दोष स्थाई होता है लेकिन वर्षफल गोचर आदि के कारण अकारक हो तो अस्थाई रोग-दोष देता है।

 

जब कोई ग्रह जन्म कुंडली में स्थाई अकारक होता है तब रोग-दोष स्थाई होता है, लेकिन वर्षफल, गोचर आदि के कारण अकारक हो तो अस्थाई रोग-दोष देता है। जीवन में विभिन्न रोगों और दोषों के कारण अकारक ग्रह होते हैं।

आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीपति त्रिपाठी से अकारक बुध ग्रह से होने वाले रोगों और उसके उपाय के बारे में।

1. जब बुध ग्रह अकारक होता है तो कफ रोग, वाणी दोष, त्रिदोष, दंत रोग, पांडुरोग आदि होते हैं।

2. बुध ग्रह की अकारकता से मुक्ति के लिए श्रीगणेश की माता पार्वती के साथ पूजा करें।

3. रोग-दोष मुक्ति की प्रार्थना के साथ बुध ग्रह से संबंधित वस्तुओं जैसे साबुत हरे मूंग, हरा चारा, हरे पौधे, हरे वस्त्र, हरे फल आदि का दान करें।

4. बहन-बेटी की सेवा करें, उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

 

वास्तु टिप्स: घर में ऐसे लगाएं गणेश जी की प्रतिमा, हर दोष होगा दूर

गणपति के 10 चमत्कारी नाम, जिनके स्मरण से सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी

 

Posted By: Kartikeya Tiwari